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    UPI यूजर्स के लिए जरूरी अपडेट, सिर्फ 15 सेकेंड में पूरा होगा ट्रांजेक्शन, ‘इस’ तारीख से लागू होंगे नए नियम

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    यूपीआई के माध्यम से किए जाने वाले भुगतान में अब तेजी आएगी। नये नियमों के अनुसार भुगतान मात्र 15 सेकंड में पूरा हो जायेगा।

    यूपीआई भुगतान अब और तेज़ होने जा रहा है, क्योंकि इसमें बड़ा बदलाव होने जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस सेवा को और भी तेज और बेहतर बनाने के लिए विशेष बदलाव किया है। लेनदेन की स्थिति की जांच हेतु भुगतान हेतु प्रतिक्रिया समय 30 सेकंड से घटाकर 15 सेकंड कर दिया गया है। इससे यूपीआई के माध्यम से पैसे भेजने और प्राप्त करने की प्रक्रिया तेज हो जाएगी और सभी वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए अधिक लाभकारी होगी। 26 अप्रैल को जारी एनपीसीआई के आदेश में सभी बैंकों और पेमेंट एप को 16 जून 2025 से नए प्रोसेसिंग नियमों को लागू करने का निर्देश दिया गया था। यूपीआई के जरिए हर महीने 25 लाख करोड़ रुपये का डिजिटल लेनदेन होता है। इसलिए, एनपीसीआई में नए बदलावों से यूपीआई लेनदेन की गति बढ़ जाएगी।

    भुगतान मात्र 15 सेकंड में हो जाएगा।
    इस परिवर्तन के बाद, अनुरोध भुगतान और प्रतिक्रिया भुगतान सेवाओं के लिए प्रतिक्रिया समय अब ​​30 सेकंड से घटकर 15 सेकंड हो जाएगा। लेन-देन की स्थिति की जांच करने और लेन-देन को वापस करने का समय घटाकर 10 सेकंड कर दिया गया है तथा पते की पुष्टि करने का समय भी घटाकर 10 सेकंड कर दिया गया है। इस बदलाव का उद्देश्य यूपीआई भुगतान प्रक्रिया में तेजी लाना है। भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली के रूप में यूपीआई की लोकप्रियता बढ़ी है।

    यूपीआई और डिजिटल भुगतान के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए, एनपीसीआई ने बैंकों और ऐप्स को प्रतिक्रिया समय के अनुरूप अपने सिस्टम को अपडेट करने को कहा है।

    पिछले कुछ दिनों से यूपीआई प्रणाली ठप्प पड़ी है। जब 12 अप्रैल को यूपीआई बंद हो गया तो कई लेनदेन विफल हो गए। उस समय यूजर्स को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। उपयोगकर्ताओं को तीन दिन, 26 मार्च, 1 अप्रैल और 12 अप्रैल को यूपीआई सेवाओं का उपयोग करते समय समस्याओं का सामना करना पड़ा।

    वास्तव में क्या हुआ?
    एनपीसीआई द्वारा की गई जांच में यूपीआई सेवाओं के ठप होने का कारण पता चला। चेक ट्रांजेक्शन एपीआई पर दबाव था। कुछ बैंकों से पुराने लेनदेन के लिए बार-बार अनुरोध भेजे जा रहे थे। इससे सिस्टम पर दबाव बढ़ गया और प्रसंस्करण धीमा हो गया।

    यूपीआई भुगतान प्रदाताओं में गूगल पे, फोनपे, पेटीएम, अमेज़न पे और व्हाट्सएप पे शामिल हैं। इसके अलावा यह सेवा भीम ऐप के माध्यम से भी प्रदान की जाती है।

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