




भारत के साथ तनाव के दौरान आतंकवाद के पनाहगार पाकिस्तान का साथ देना अब तुर्की को भारी पड़ सकता है. देशभर में ‘तुर्की पर प्रतिबंध’ आंदोलन जोर पकड़ रहा है.
भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बौखलाहट में पाकिस्तान ने LoC और सीमा पर रिहायशी इलाकों को भी अपना निशाना बनाया. इस जंग जैसे हालात में तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया. सिर्फ इतना ही नहीं, भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने जिन हथियारों का इस्तेमाल किया उनसे से अधिकतर की सप्लाई चीन या तुर्की से ही हुई थी. तुर्की के इस रवैये लेकर भारत के लोगों में जबरदस्त गुस्सा है और अब भारतीयों ने तुर्की को मजा चखाने की ठान ली है.
तुर्की के खिलाफ भारत ने बजाया बिगुुल
देश में बड़े पैमाने पर ‘Ban Turkey’मूवमेंट ने रफ्तार पकड़ ली है. इसी के तहत पुणे के व्यापारियों से तुर्की से सेब खरीदना बंद कर दिया है. इसके चलते लोकल मार्केट से तुर्की के सेब लगभग गायब ही हो गए हैं. तुर्की की जगह अब भारत के कारोबारी हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, ईरान जैसे दूसरे जगहों से सेब खरीद रहे हैं. आमतौर पर एक सीजन में तुर्की के सेबों का कारोबार 1,000-2,000 करोड़ रुपये के बीच होता है. कारोबारियों का कहना है कि यह कदम देश की सेना और भारत सरकार के साथ एकजुटता का हमारा संदेश है.
पुणे के लोग भी खुलकर दे रहे हैं साथ
पुणे में कृषि उपज बाजार समिति (APMC) के सेब व्यापारी सुयोग जेंडे ने हाल के दिनों में तुर्की सेब की डिमांड में भारी कमी आई है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, हमने तुर्की से सेब खरीदना बंद करने का फैसला किया है और इसके बजाय हिमाचल, उत्तराखंड, ईरान और अन्य क्षेत्रों से सेब खरीदना पसंद कर रहे हैं. यह निर्णय हमारे देशभक्ति के कर्तव्य और राष्ट्र के प्रति समर्थन के अनुरूप है. कारोबारियों के इस आंदोलन में पुणे के लोगों का भी खूब साथ मिल रहा है.
तुर्की के लिए बुकिंग भी हो रही कैंसिल
इसके अलावा, तुर्की भारतीय पर्यटकों के लिए पसंदीदा हॉलिडे डेस्टिनेशंस में से एक था, लेकिन अब तुर्की के लिए कराई गई बुकिंग एक के बाद एक कैंसिल हो रहे हैं. ट्रैवल कंपनी कॉक्स एंड किंग्स ने जानकारी दी थी कि उन्होंने अजरबैजान, तुर्किए और उज्बेकिस्तान के लिए अपनी सभी बुकिंग कैंसिल कर दी है.
वंडरऑन के सीईओ और को-फाउंडर गोविंद गौर सारी नई बुकिंग रोकने की बात कही थी. मुंबई बेस्ड ट्रैवल आवास ब्रांड गो होमस्टेज ने तो तुर्की एयरलाइंस के साथ अपनी पार्टनरशिप ही खत्म कर दी. जबकि पर्यटन के लिहाज से देखे तो चीन के बाद भारत ही तुर्किए के लिए सबसे बड़ा बाजार था.