




सऊदी अरब ने अमेरिका में अगले चार वर्षों में करीब 600 अरब डॉलर के निवेश की अपनी योजना का एलान किया था. हालांकि, ट्रंप ने ये उम्मीद जताई थी कि सऊदी अरब का ये निवेश बढ़कर 1 ट्रिलियन डॉलर का हो जाएगा.
अपने दूसरे कार्यकाल के बाद पहली बार मंगलवार को आधिकारिक दौरे पर रियाद पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति सऊदी अरब के साथ उन्होंने करीब 142 अरब डॉलर की बड़ी डिफेंस डील को मंजूरी दी है. इससे पहले ट्रंप अपने पहले कार्यकाल के दौरान साल 2017 में इस तेल संपन्न खाड़ी देश का दौरा किया था, जो दोनों के बीच करीबी को दिखाता है.
व्हाइट हाउस ने इसे इतिहास की सबसे बड़ी डील करार दिया और कहा कि अमेरिका और सऊदी के बीच हथियारों को लेकर करीब 142 अरब डॉलर की ऐतिहासिक डिफेंस डील हुई है. इसमें सैन्य साजो-सामान से लेकर उसकी सेवाएं तक शामिल हैं. समझौते में गैस टर्बाइन का निर्यात और अन्य कॉमर्शियल डील पर भी मुहर लगाई गई है.
अमेरिकी संकट के दौर में अहम दौरा
सऊदी के हथियार देने की डील को मंजूरी देने के बाद यूएस डिफेंस सिक्योरिटी कॉपरेशन एजेंसी ने कहा कि इस प्रस्तावित बिक्री से सहयोगी देश की रक्षा को मजबूत कर विदेशी नीति और यूनाइटेड स्टेट्स की राष्ट्रीय सुरक्षा के लक्ष्य को मदद मिलेगी, जिससे खाड़ी क्षेत्र में राजनीति स्थिरता और आर्थिक तरक्की मुमकिन हो पाएगी.
संकट से दौर रही अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बीच ट्रंप का मध्य पूर्व का ये दौरा खास मायने रखता है. इस दौरान वे यूएई के साथ कतर भी जाएंगे. उनके इस दौरे का मुख्य लक्ष्य आर्थिक मुद्दा ही है, जिसमें उन्हें उम्मीद है कि खाड़ी देशों से अमेरिकी इकोनॉमी के लिए बड़ा निवेश ला पाएंगे.
सऊदी को मिलेगा अमेरिकी हथियार
इससे पहले, सऊदी अरब ने अमेरिका में अगले चार वर्षों में करीब 600 अरब डॉलर के निवेश की अपनी योजना का एलान किया था. हालांकि, ट्रंप ने ये उम्मीद जताई थी कि सऊदी अरब का ये निवेश बढ़कर 1 ट्रिलियन डॉलर का हो जाएगा.
अमेरिका ने मई के पहले हफ्ते में सऊदी अरब को 3.3 अरब डॉलर के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल देने पर शुरुआती मंजूरी दे दी है. उसे अन्य हथियार देने की भी उम्मीद जताई जा रही है. सऊदी अरब को जो हथियार दिए जाएँगे करीब एक हजार AIM-120C-8 अत्याधुनिक मीडिया रेंज की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, गाइडेंस सिस्टम और अन्य रक्षा सामान है. ये मिसाइल RTX Corp of Tucson की तरफ से बनाई जाएगी.