• Create News
  • Nominate Now

    तुर्किए-अजरबैजान को पाकिस्तान का साथ देना पड़ा महंगा, भारत में शुरू हुआ ट्रैवल बॉयकॉट

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।
    तिथि: 15 मई 2025 | स्थान: नई दिल्ली

    तुर्किए और अजरबैजान के खिलाफ भारत में ट्रैवल बॉयकॉट
    भारत की ट्रैवल इंडस्ट्री ने तुर्किए और अजरबैजान का बहिष्कार शुरू किया 

    भारत ने जताई नाराजगी, ट्रैवल इंडस्ट्री ने उठाया बड़ा कदम

    भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तुर्किए और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने पर भारतीय ट्रैवल इंडस्ट्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। देश की कई प्रमुख ट्रैवल कंपनियों ने इन दोनों देशों के टूर पैकेज बेचना बंद कर दिए हैं और सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey और #BoycottAzerbaijan ट्रेंड कर रहे हैं।

    केसरी ट्रेवल्स और मेक माय ट्रिप का बयान

    केसरी ट्रेवल्स के एमडी शैलेश पाटील ने बताया कि पहलगाम हमला मानवता के खिलाफ था और तुर्किए जैसे देश पाकिस्तान का साथ देकर गलत कर रहे हैं। केसरी ने तुर्किए के लिए सभी बुकिंग्स रोक दी हैं और टर्की एयरलाइंस का भी समर्थन नहीं किया जाएगा।

    मेक माय ट्रिप के को-फाउंडर प्रशांत पित्ती ने कहा कि जब मालदीव ने भारत विरोधी रुख अपनाया, तब भी हमने होटल और फ्लाइट कैंसिल किए थे। अब तुर्किए और अजरबैजान के लिए भी यही रुख अपनाया गया है। अनुमान है कि भारत से हर साल 2–2.5 लाख पर्यटक इन देशों में जाते हैं, जिससे इनको करीब 3000 करोड़ रुपये की आमदनी होती है।

    अन्य कंपनियों का रुख

    हॉलिडे इंडिया’ के एमडी राकेश जैन ने कहा कि देशहित सर्वोपरि है और हम ऐसे देशों में टूरिस्ट भेजना सही नहीं समझते। ‘ड्रीम ट्रिप्स’ ने भी सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा कि भारत विरोधी देशों को भारतीय पर्यटकों से मिलने वाले फायदे को गंवाना होगा।

    पर्यटन पर असर और विकल्प

    तुर्किए और अजरबैजान भारतीय पर्यटकों के पसंदीदा पर्यटन स्थल रहे हैं, लेकिन अब बहिष्कार के चलते इनकी टूरिज्म इंडस्ट्री पर बड़ा असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह ट्रेंड लंबा चला तो भारत से मिलने वाली बड़ी आमदनी रुक सकती है। पर्यटक अब ग्रीस, आर्मेनिया, थाईलैंड जैसे विकल्प देख सकते हैं।

    कूटनीतिक तनाव का पर्यटन पर असर

    यह मामला यह दर्शाता है कि अब विदेश नीति और टूरिज्म एक-दूसरे से अलग नहीं हैं। भारत में राष्ट्रवादी भावना और सोशल मीडिया के प्रभाव से यह स्पष्ट हो गया है कि जो देश भारत विरोधी रुख अपनाएंगे, उन्हें आर्थिक कीमत चुकानी होगी।

    संबंधित खबरें:

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    अब ट्रेन में जहाज जैसी सुविधा! दिवाली से पहले आ रही है स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। भारतीय रेलवे लगातार यात्रियों के अनुभव को आधुनिक और आरामदायक बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इसी क्रम…

    Continue reading
    शहर बढ़ रहे हैं पर ट्रांसपोर्ट पिछड़ रहा — भारत की अर्बन प्लानिंग पर बड़ा सवाल

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। भारत की तस्वीर तेजी से बदल रही है। गांवों से शहरों की ओर पलायन ने देश के शहरी क्षेत्रों को…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *