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    देश में कितने युवा नौकरी के लिए भटक रहे दर बदर? सरकार ने पहली बार जारी किया मासिक आंकड़ा।

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    सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को जारी इस बेरोजगारी डेटा में ये बताया गया है कि बेरोजार युवाओं में महिलाओं की संख्या में पुरुषों का तादाद कहीं ज्यादा है.

    देश में नौकरी के लिए युवा भटक रहे हैं. ऐसे बेरोजगार युवाओं की संख्या अप्रैल के महीने में 5.1 प्रतिशत रही. पहली बार देश में मासिक आधार पर बेरोजगारी का ये आंकड़ा जारी किया गया है. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को जारी इस बेरोजगारी डेटा में ये बताया गया है कि बेरोजार युवाओं में महिलाओं की संख्या में पुरुषों का तादाद कहीं ज्यादा है.

    पुरुषों में ज्यादा बेरोजगारी
    पुरुषों में बेरोजगारी दर 5.2 प्रतिशत रही, जबकि महिलाओं में यह दर 5 प्रतिशत रही. इस दौरान देश भर में 15 से 29 आयु वर्ग के लोगों में बेरोजगारी दर 13.8 प्रतिशत थी. शहरी क्षेत्रों की अगर बात करें तो यहां पर बेरोजगारी दर 17.2 प्रतिशत, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में ये 12.3 प्रतिशत थी. इस स्टडी के दौरान ये भी पता चला है कि 15 से 29 आयु वर्ग की महिलाओं में बेरोजगारी दर पूरे देश में (ग्रामीण एवं शहरी) 14.4 प्रतिशत थी, जबकि शहरों में यह 23.7 और गांवों में 10.7 प्रतिशत थी.

    देश में 15 से 29 वर्ष आयु वर्ग के पुरुषों में बेरोजगारी दर 13.6 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि शहरों में ये 15 प्रतिशत और गांवों में 13 प्रतिशत थी. आंकड़ों से पता चलता है कि 2025 के अप्रैल महीने के दौरान 15 साल और उससे अधिक आयु के लोगों में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 55.6 प्रतिशत थी. ग्रामीण क्षेत्रों में भागीदारी दर 58.0 प्रतिशत थी जबकि शहरी क्षेत्रों में ये 50.7 प्रतिशत थी. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों में एलएफपीआर क्रमशः 79.0 प्रतिशत और 75.3 प्रतिशत थी.

    पहली बार मासिक बेरोजगरी आंकड़ा
    2025 के अप्रैल महीने के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं में श्रम बल भागीदारी की दर 38.2 प्रतिशत थी. एलएफपीआर जनसंख्या में श्रम बल (अर्थात काम करने वाले, काम की तलाश करने वाले या काम के लिए उपलब्ध) में शामिल व्यक्तियों के प्रतिशत को संदर्भित करता है.

    श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) कुल जनसंख्या में कार्यरत लोगों के अनुपात को परिभाषित करता है. आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल में ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में डब्ल्यूपीआर 55.4 प्रतिशत थी. अप्रैल में शहरी क्षेत्रों में ये अनुपात 47.4 प्रतिशत था, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर समग्र डब्ल्यूपीआर 52.8 प्रतिशत दर्ज किया गया था.

    ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं में डब्ल्यूपीआर क्रमशः 36.8 प्रतिशत और 23.5 प्रतिशत थी. राष्ट्रीय स्तर पर समान आयु वर्ग की समग्र महिला डब्ल्यूपीआर 32.5 प्रतिशत थी.उन्नत कवरेज के साथ उच्च आवृत्ति वाले श्रम बल संकेतकों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, जनवरी 2025 से पीएलएफएस की नमूना पद्धति में सुधार किया गया है.अप्रैल, 2025 के दौरान देश भर में कुल 7,511 प्रथम चरण नमूनाकरण इकाइयों का सर्वेक्षण किया गया है. सर्वेक्षण में शामिल परिवारों की संख्या 89,434 (ग्रामीण क्षेत्रों में 49,323 और शहरी क्षेत्रों में 40,111) थी जबकि सर्वेक्षण किए गए व्यक्तियों की संख्या 3,80,838 (ग्रामीण क्षेत्रों में 2,17,483 और शहरी क्षेत्रों में 1,63,355) थी.

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