




जून से लेकर दिवाली तक RBI कर सकता है रेपो रेट में 0.50% की कटौती, आर्थिक मोर्चे पर राहत।
नई दिल्ली | भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की आगामी मौद्रिक समीक्षा बैठकें आम जनता के लिए बड़ी राहत लेकर आ सकती हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, RBI जून से लेकर दिवाली तक रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। इससे न केवल होम लोन और ऑटो लोन सस्ते होंगे, बल्कि बाजार में रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो सकते हैं।
फरवरी और अप्रैल में पहले ही हो चुकी है कटौती
इस साल फरवरी और अप्रैल की बैठकों में RBI ने 25-25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर पहले ही राहत दी थी। अब एक बार फिर जून 4-6 के बीच होने वाली बैठक में 0.25 प्रतिशत की और कटौती की संभावना है। इसके बाद अगस्त और सितंबर में और भी कटौतियां संभव मानी जा रही हैं।
क्या कहती हैं रिपोर्ट्स?
SBI की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में कुल 125 बेसिस प्वाइंट तक की कटौती की संभावना है। इसमें से 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती जून-अगस्त में और 50 बेसिस प्वाइंट वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में हो सकती है। इसका सीधा फायदा मध्यम वर्ग और खुदरा ग्राहकों को मिलेगा।
कैसे पड़ेगा असर?
-
रेपो रेट में कटौती का मतलब है बैंकों को RBI से सस्ता कर्ज मिलेगा।
-
इससे बैंकों के होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरें घटेंगी।
-
आम जनता की EMI में कमी आएगी, जिससे खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।
-
रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल सेक्टर में डिमांड बढ़ेगी।
-
अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा और रोजगार के मौके बनेंगे।
रेपो रेट होता क्या है?
रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। इसका सीधा असर बैंकों की लोन देने की दरों पर पड़ता है। यदि रेपो रेट घटता है तो बैंक कम ब्याज पर कर्ज दे सकते हैं।