




भारत के आयात बैन से बौखलाया बांग्लादेश, करोड़ों के व्यापार पर खतरा मंडराया, बातचीत के लिए तैयार हुई ढाका सरकार।
नई दिल्ली, 20 मई 2025: भारत द्वारा बांग्लादेश से कई उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाने के बाद, ढाका की अंतरिम यूनुस सरकार बैकफुट पर आ गई है। भारत के इस फैसले से बांग्लादेश को अरबों रुपए के व्यापार में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। अब बांग्लादेश ने इस मसले पर बातचीत की पेशकश की है।
भारत ने लगाए प्रतिबंध, बांग्लादेश घुटनों पर
भारत ने हाल ही में अखौरा और दावकी जैसे बॉर्डर लैंड पोर्ट्स से बांग्लादेशी उत्पादों के आयात पर रोक लगा दी। इसमें रेडीमेड गारमेंट्स, कपास, सूती धागा, स्नैक्स और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स जैसी प्रमुख वस्तुएं शामिल हैं। इसके साथ ही भारत ने बांग्लादेश को तीसरे देशों को निर्यात करने की ट्रांस-शिपमेंट सुविधा भी रद्द कर दी है।
यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया जब बांग्लादेश ने भारत से धागे के आयात पर प्रतिबंध लगाया था। भारत की ओर से की गई इस आर्थिक कार्रवाई से लगभग 6,600 करोड़ रुपये के क्रॉस बॉर्डर व्यापार पर सीधा असर पड़ने की आशंका है।
बांग्लादेश ने मांगी बातचीत
बांग्लादेश सरकार के वाणिज्य सलाहकार शेख बशीरुद्दीन ने कहा है कि भारत से कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है, लेकिन वे बातचीत के लिए तैयार हैं। “अगर कोई समस्या है तो दोनों देशों को बैठकर उसका समाधान निकालना चाहिए,” – बशीरुद्दीन
उन्होंने यह भी कहा कि हमें सोशल मीडिया और मीडिया रिपोर्ट्स से जानकारी मिली है कि भारत ने कुछ सीमा पोर्ट्स पर निर्णय लिए हैं। हम प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना चाहते हैं जो दोनों देशों के लिए लाभदायक हो।
टेक्सटाइल सेक्टर पर बांग्लादेश का बयान
टेक्सटाइल उद्योग पर असर को लेकर बांग्लादेश का कहना है कि उनका निर्यात घरेलू क्षमताओं पर आधारित है, न कि भारत से ट्रांस-शिपमेंट सुविधा पर।
“भारत खुद टेक्सटाइल सेक्टर में अग्रणी देश है। हम प्रतिस्पर्धा, लागत और क्षेत्रीय व्यापार को बातचीत से सुलझाना चाहते हैं।” – बशीरुद्दीन
भारत-बांग्लादेश व्यापार संबंध: कुछ प्रमुख तथ्य
१. 2022-23 में भारत-बांग्लादेश व्यापार: $16 बिलियन (1.33 लाख करोड़ रुपए)
२. भारत: बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार (चीन के बाद)
३. मौजूदा बैन से प्रभावित आयात: करीब $770 मिलियन (6,600 करोड़ रुपए)
ऐसी ही देश और दुनिया की बड़ी खबरों के लिए फॉलो करें: www.samacharwani.com