




अमेरिकी अदालत की असमंजस भरी कार्रवाई से दुनियाभर के बाजारों में हड़कंप, भारतीय निवेशकों की नजर अब आगामी वैश्विक संकेतों पर टिकी।
मुंबई: शुक्रवार, 30 मई को भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला, जिसका मुख्य कारण अमेरिका में ट्रंप टैरिफ को लेकर अदालत का ताजा फैसला रहा। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में ही 140 अंक टूटा और दिन में गिरकर कुल 167 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 24,800 के नीचे जाकर खुला और पूरे दिन दबाव में बना रहा।
ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में गिरावट
ओला इलेक्ट्रिक के चौथी तिमाही के कमजोर नतीजों का असर उसके शेयरों पर साफ दिखा। कंपनी के शेयरों में 7% तक की गिरावट दर्ज की गई। निवेशकों की निराशा साफ नजर आई क्योंकि अनुमान से कमजोर प्रदर्शन बाजार को रास नहीं आया।
IT शेयरों पर भी दिखा दबाव
आईटी सेक्टर भी गिरावट के घेरे में रहा। वैश्विक अस्थिरता और अमेरिकी बाजार से नकारात्मक संकेतों ने इस सेक्टर के निवेशकों का भरोसा कमजोर किया। TCS, Infosys और HCL Tech जैसे प्रमुख आईटी शेयरों में बिकवाली का माहौल दिखा।
एशियाई बाजारों में भी गिरावट का असर
अमेरिकी अदालत ने ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को पहले रोकने का आदेश दिया और बाद में उसे जारी रखने की अनुमति दी, जिससे एशियाई बाजारों में असमंजस का माहौल बना रहा। जापान का निक्केई 1.48% लुढ़का, जबकि टॉपिक्स इंडेक्स में 0.8% की गिरावट रही। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.18% और ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 भी 0.19% गिरा।
गुरुवार को दिखा था उछाल
एक दिन पहले गुरुवार को बाजार में मजबूती देखी गई थी। सेंसेक्स 320.70 अंक यानी 0.39% चढ़कर 81,633.02 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 81.15 प्वाइंट यानी 0.33% बढ़कर 24,833.60 पर पहुंच गया था।
क्या बोले विशेषज्ञ?
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि ट्रंप टैरिफ पर रोक के फैसले से वैश्विक बाजारों में कुछ समय के लिए भरोसा लौटा था। वहीं, आरबीआई ने फिर दोहराया कि भारत चालू वित्त वर्ष (2025-26) में भी सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
हालांकि, अप्रैल 2025 के औद्योगिक उत्पादन आंकड़े थोड़े निराशाजनक रहे। मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और पावर सेक्टर के कमजोर प्रदर्शन की वजह से आईआईपी (IIP) ग्रोथ घटकर 2.7% रह गई।
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