




शेयर बाजार में भारी गिरावट
मुंबई: हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार, 2 जून 2025 को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। बाजार खुलते ही सुबह करीब 9:15 बजे सेंसेक्स 644.76 अंक यानी 0.74% गिरकर 80,855.18 के स्तर पर आ गया। इसके बाद गिरावट और गहराई और सेंसेक्स 732.71 अंक टूटकर 80,718.30 पर आ गया।
मुख्य बातें:
रूस पर यूक्रेन के हमलों के बीच वैश्विक तनाव का असर भारतीय शेयर बाजार पर.
सेंसेक्स 732 अंकों की गिरावट के साथ 80,718 पर पहुंचा।
निफ्टी 24,600 के नीचे गिरा।
मेटल शेयरों में भारी बिकवाली।
एशियाई बाजारों में भी गिरावट का माहौल।
वहीं, निफ्टी 50 भी 197.45 अंक की गिरावट के साथ 24,553.25 पर कारोबार करता नजर आया। यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब भारत की जीडीपी को लेकर सकारात्मक आंकड़े सामने आए हैं, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध के ताजा घटनाक्रम और वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते निवेशकों में डर का माहौल है।
मेटल स्टॉक्स में भारी गिरावट
मेटल सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर देखा गया। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील के आयात पर टैरिफ 25% से बढ़ाकर 50% करने की घोषणा के बाद वैश्विक स्तर पर मेटल स्टॉक्स में बिकवाली तेज हुई। इसका असर भारतीय बाजार के सेंटीमेंट पर भी पड़ा। इससे पहले शुक्रवार को भी बाजार में गिरावट दर्ज की गई थी जब सेंसेक्स 81 अंक टूटकर 81,451.01 और निफ्टी 82.90 अंक गिरकर 24,750.70 पर बंद हुआ था।
वैश्विक बाजार का हाल
एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखी गई। जापान का निक्केई 1.21% गिर गया, जबकि टॉपिक्स इंडेक्स में 0.83% की गिरावट रही। ऑस्ट्रेलिया का एएसएक्स 200 भी 0.1% लुढ़क गया। हालांकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.03% की हल्की तेजी के साथ हरे निशान में रहा। चीन, मलेशिया और न्यूजीलैंड के बाजार सार्वजनिक अवकाश के कारण बंद रहे।
एफपीआई निवेश ने दिखाई भरोसे की झलक
गिरावट के इस माहौल में एक सकारात्मक खबर यह रही कि मई 2025 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय बाजार में 19,860 करोड़ रुपये का निवेश किया। अप्रैल 2025 में भी एफपीआई द्वारा 4,223 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया गया था। इसका कारण भारत की मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था और अनुकूल आर्थिक संकेतक माने जा रहे हैं।
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