




दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में काम करने वाले फ्रेशर डेवलपर्स की सैलरी भारतीय प्रधानमंत्री की तनख्वाह से ज्यादा है। जानिए पूरी तुलना इस रिपोर्ट में।
नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री का पद देश का सबसे बड़ा और शक्तिशाली संवैधानिक पद माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पद पर बैठे व्यक्ति को मिलने वाली सैलरी एक बड़ी आईटी कंपनी में काम करने वाले फ्रेशर इंजीनियर की सैलरी से भी कम है?
हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनी में फ्रेशर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की औसत सालाना सैलरी ₹12.4 लाख से ₹51 लाख तक होती है। वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर महीने सिर्फ ₹1.66 लाख का वेतन मिलता है।
माइक्रोसॉफ्ट फ्रेशर की सैलरी कितनी होती है?
१. AmbitionBox की रिपोर्ट के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट में काम करने वाले फ्रेशर्स को सालाना ₹12 लाख से ₹50 लाख तक सैलरी मिल सकती है।
२. फ्रेशर सॉफ्टवेयर डेवलपर की औसत सैलरी: ₹12.4 लाख – ₹51 लाख प्रति वर्ष
३. यह सैलरी सीधे तौर पर भारत के पीएम की सैलरी से कई गुना अधिक है।
पीएम मोदी की सैलरी कितनी है?
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर महीने ₹1.66 लाख का वेतन मिलता है। हालांकि, इस सैलरी के साथ-साथ उन्हें कई विशेष सुविधाएं भी मिलती हैं जो इस पद की प्रतिष्ठा को दर्शाती हैं।
पीएम को मिलने वाली सुविधाएं:
१. SPG सुरक्षा (Special Protection Group)
२. सरकारी दौरे के लिए Air India One
३. सरकारी आवास: 7, लोक कल्याण मार्ग (पुराना नाम: रेसकोर्स रोड), नई दिल्ली
४. मेडिकल, स्टाफ और अन्य सरकारी सहूलियतें मुफ्त
भारत के अन्य संवैधानिक पदों की सैलरी:
१. राष्ट्रपति की सैलरी:
₹5 लाख प्रति माह (2018 के बाद संशोधित)
मुफ्त यात्रा, सरकारी बंगला, स्टाफ, मेडिकल सुविधाएं आदि शामिल
२. उपराष्ट्रपति की सैलरी:
₹4 लाख प्रति माह (2018 के बाद संशोधित)
राज्यसभा के सभापति होने के कारण अतिरिक्त सम्मान और सुविधाएं
३. सांसदों की सैलरी:
₹1 लाख बेसिक सैलरी प्रति माह
भत्ता, ट्रैवल, आवास और ऑफिस खर्च के लिए अलग बजट
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