




आरबीआई की ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि अब महानगरों की तुलना में ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी इलाकों से ज्यादा लोन लिया जा रहा है। बैंकिंग सेक्टर में ये बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
नई दिल्ली: अब तक माना जाता था कि बैंक लोन की सबसे ज्यादा मांग महानगरों से आती है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नई रिपोर्ट ने इस सोच को पूरी तरह बदल दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, महानगरों में लोन की हिस्सेदारी घटकर 58.7% रह गई है, जबकि ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बैंक लोन की मांग में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है।
महानगरों में घटी लोन की हिस्सेदारी
पिछले 5 वर्षों में महानगरों से दिए जाने वाले बैंक लोन की हिस्सेदारी 63.5% से घटकर 58.7% हो गई है। इसके उलट, गांव, कस्बों और छोटे शहरों में लोन की डिमांड में तेजी से इजाफा देखा गया है। यह ट्रेंड दर्शाता है कि अब आर्थिक सक्रियता और विकास का फोकस टियर-2, टियर-3 शहरों और ग्रामीण भारत की ओर बढ़ रहा है।
जमा में अब भी महानगर आगे
हालांकि लोन देने में महानगर पिछड़ रहे हैं, लेकिन वार्षिक बैंक जमा के आंकड़े बताते हैं कि अब भी ये क्षेत्र मजबूत बने हुए हैं:
१. महानगरों में जमा वृद्धि दर – 11.7%
२. ग्रामीण क्षेत्रों में – 10.1%
३. अर्ध-शहरी क्षेत्रों में – 8.9%
४. शहरी क्षेत्रों में – 9.3%
लोन और जमा की समग्र ग्रोथ में गिरावट
पिछले 5 वर्षों में बैंक ऋण वृद्धि दर 15.3% थी, जो FY 2024-25 में घटकर 11.1% हो गई है। बचत जमा (Savings Deposit) की ग्रोथ दर भी 13% से घटकर 10.6% हो गई है।
घटती बचत, बढ़ती सावधि जमा
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि सावधि जमा (Fixed Deposit) पर ब्याज दर अधिक होने से लोग उसमें ज्यादा पैसा लगा रहे हैं।
१. दो साल पहले इसकी हिस्सेदारी 33% थी
२. एक साल पहले 30.8%
३. अब घटकर 29.1% रह गई है
ऐसी ही देश और दुनिया की बड़ी खबरों के लिए फॉलो करें: www.samacharwani.com