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    CBSE के सिलेबस में शामिल हो छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास, शिवसेना ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से की मांग।

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    छत्रपति शिवराय के 352वें राज्याभिषेक समारोह के मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री को भेजा गया पत्र, छात्रों को मिलेगी प्रेरणा।

    नई दिल्ली: शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ने मांग की है कि CBSE (सीबीएसई) के सिलेबस में छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को शामिल किया जाए ताकि देशभर के छात्रों को उनके जीवन, शासन और योगदान के बारे में गहराई से जानकारी मिल सके।
    मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा क्षेत्र के सांसद रवींद्र वायकर ने इस संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखा है। उन्होंने यह मांग छत्रपति शिवाजी महाराज के 352वें राज्याभिषेक समारोह के अवसर पर उठाई।

    शिवाजी महाराज के इतिहास से मिलेगी नई पीढ़ी को प्रेरणा
    सांसद वायकर ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज केवल मराठा साम्राज्य के संस्थापक ही नहीं थे, बल्कि वह एक दूरदर्शी प्रशासक, रणनीतिकार और सामाजिक समरसता के प्रतीक थे। उन्होंने न केवल स्वराज्य की स्थापना की बल्कि धर्मनिरपेक्ष शासन व्यवस्था का भी आदर्श प्रस्तुत किया

    उन्होंने लिखा कि यदि छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और उपलब्धियों को CBSE के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाता है, तो छात्रों में देशभक्ति, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक एकता जैसे मूल्यों का विकास होगा।
    इसके साथ ही, छात्रों को भारत के समृद्ध इतिहास और विविध संस्कृति को और बेहतर तरीके से समझने का मौका मिलेगा।

    भारत के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय
    पत्र में उल्लेख किया गया है कि छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक वर्ष 1674 में रायगढ़ किले में हुआ था, जो भारत के इतिहास का स्वर्णिम क्षण माना जाता है। उनके शासन, प्रशासन और युद्ध नीति से आज भी सीख ली जा सकती है।
    सांसद ने कहा कि जैसे CBSE सिलेबस में अन्य ऐतिहासिक व्यक्तित्वों और घटनाओं को शामिल किया गया है, उसी तरह शिवाजी महाराज को भी उचित स्थान दिया जाना चाहिए। इससे यह नई पीढ़ी के लिए आदरांजलि भी होगी।

    रायगढ़ किले पर चला स्वच्छता अभियान
    352वें राज्याभिषेक दिवस के मौके पर मुंबई विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) विभाग, विद्यार्थी विकास विभाग और श्रीमंत बाळासाहेब ठाकरे अध्ययन केंद्र के नेतृत्व में रायगढ़ किले पर स्वच्छता अभियान भी चलाया गया।
    यह अभियान दूसरे वर्ष भी बड़े स्तर पर आयोजित किया गया।
    शिवस्मारक उत्सव समिति रायगढ़ और सह्याद्री सेवक प्रतिष्ठान के सहयोग से किले परिसर से प्लास्टिक और अन्य कचरे को हटाया गया।
    इस अभियान में रायगढ़ जिले के 581 एनएसएस स्वयंसेवकों, 37 कार्यक्रम अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों ने भाग लिया।

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