




लेखा अधिकारियों पर रिश्वतखोरी और अवैध लेनदेन का आरोप, CBI ने आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
नासिक: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने नासिक स्थित आर्टिलरी और आर्मी एविएशन सेंटर (AAC) में तैनात दो लेखा परीक्षकों के खिलाफ रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का गंभीर मामला दर्ज किया है। अधिकारियों पर सेना के जवानों से वेतन और भत्तों के भुगतान के एवज में अवैध धन मांगने का आरोप है। इस पूरे मामले की जांच CBI द्वारा तेज़ी से की जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
CBI के मुताबिक, नियंत्रक महालेखा परीक्षक (CDA), रक्षा लेखा, नासिक के अधीन आर्टिलरी के जवानों के वेतन और भत्तों का प्रबंधन किया जाता है। सेना के कर्मियों से जुड़े सभी विवरण वेतन एवं लेखा कार्यालय (P&AO) के माध्यम से प्राप्त होते हैं। जांच में यह बात सामने आई कि नासिक में तैनात लेखा परीक्षक और सहायक लेखा अधिकारी ने आर्टिलरी और एएसी नासिक के रिकॉर्ड ऑफिस के कुछ अज्ञात अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया।
इन अधिकारियों ने सैनिकों से समय पर सही भुगतान करने के एवज में अवैध धनराशि की मांग की। इससे जुड़े लेनदेन और बातचीत के साक्ष्य CBI को मिले हैं।
CBI की संयुक्त औचक जांच
CBI ने 13 नवंबर 2024 को एसीबी शाखा और रक्षा लेखा के अधिकारियों के साथ मिलकर एक संयुक्त औचक जांच (Surprise Check) की। इस दौरान पाया गया कि लेखा अधिकारी सैनिकों से अवैध धन वसूल कर उनके या उनके परिचितों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर रहे थे।
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि व्हाट्सएप चैट्स के माध्यम से संदिग्ध अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के बीच आपत्तिजनक बातचीत और लेन-देन के प्रमाण भी सामने आए हैं। इस पूरे भ्रष्टाचार को लेकर CBI ने अब भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
किन धाराओं में केस दर्ज?
CBI ने इस मामले में आपराधिक साजिश, लोक सेवक को रिश्वत देना, व्यक्तिगत प्रभाव डालकर अनुचित लाभ उठाना, अवैध लाभ पाना और उकसाना जैसे आरोपों के तहत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया है।
फिलहाल, CBI की टीम इस मामले में शामिल संदिग्ध अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने में लगी है। आने वाले दिनों में इस मामले में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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