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    जून में क्यों चढ़ रहा है पारा? मौसम ने क्यों लिया यू-टर्न? जानिए इसके पीछे की वजहें।

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    इस साल मई में जहां मौसम सुहावना था, वहीं जून में अचानक तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। आखिर 10 दिन में ऐसा क्या हुआ? जानिए पूरी कहानी।

    नई दिल्ली: इस साल मई महीने में ऐसा पहली बार देखने को मिला जब गर्मी और बारिश दोनों का मिला-जुला अनुभव हुआ। लेकिन अब जून के शुरुआती दिनों में ही गर्मी ने फिर से जोर पकड़ लिया है। महाराष्ट्र, दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कई राज्यों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है।

    अब सवाल उठता है कि 10 दिन के भीतर ऐसा क्या बदल गया कि मई में जहां मौसम सुहावना था, वहीं जून में तपती धूप और गर्म हवाएं परेशान कर रही हैं?

    मई में क्यों नहीं पड़ी ज्यादा गर्मी?
    आमतौर पर मई का महीना सबसे गर्म माना जाता है, लेकिन इस साल मई में सामान्य से ज्यादा बारिश और ठंडी हवाएं चलीं।

    इसका कारण था बार-बार आ रहे पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances), जो भूमध्य सागर से चलकर भारत के उत्तरी हिस्सों में वर्षा और ठंडी हवाएं लाते हैं। इस बार मई में एक के बाद एक कई पश्चिमी विक्षोभ आए, जिससे उत्तर, मध्य और दक्षिण भारत में असामान्य रूप से ज्यादा बारिश हुई।

    नतीजतन, तापमान सामान्य से कम रहा और हीटवेव के हालात नहीं बने। इस बार मई में केवल 1-2 दिन ही हीटवेव देखने को मिली, वह भी सिर्फ राजस्थान के कुछ हिस्सों तक सीमित रही।

    फिर जून में अचानक गर्मी क्यों बढ़ गई?
    जून के शुरुआती दिनों में भी कुछ बारिश हुई, लेकिन इसके बाद पश्चिमी विक्षोभ कमजोर हो गए और बारिश बंद हो गई।

    जैसे ही आसमान साफ हुआ, सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ने लगीं। साथ ही, इस दौरान हवा में नमी कम थी और सूखी गर्म हवाएं चलने लगीं। इससे तापमान तेजी से बढ़ा।

    इस बार मानसून ने केरल तक तो जल्दी दस्तक दी थी लेकिन महाराष्ट्र में पहुंचने के बाद इसकी रफ्तार 29 मई से धीमी हो गई। इसके चलते मानसून पूर्व की गतिविधियां भी थम गईं और गर्मी फिर से लौट आई।

    गर्मी का शरीर पर क्या असर होता है?
    IMD ने साफ चेतावनी दी है कि इस समय दोपहर 12 से 4 बजे के बीच बाहर न निकलें। विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है।

    गर्म हवाओं और लू (Heatwave) के कारण शरीर में:
    १. डिहाइड्रेशन (पानी की कमी)
    २. हीट स्ट्रोक
    ३. सिरदर्द
    ४. थकान
    ५. चक्कर
    जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

    लोगों को ज्यादा से ज्यादा पानी पीने, छांव में रहने और हल्के कपड़े पहनने की सलाह दी जा रही है।

    यह गर्मी कितने दिन तक रहेगी?
    IMD के मुताबिक, उत्तर भारत, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में फिलहाल तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।

    11-12 जून तक हीटवेव जारी रहने का अनुमान है। इसके बाद 15 जून के आसपास हल्की बारिश और हवाओं के कारण कुछ राहत मिल सकती है।

    15 जून से कैसा रहेगा मौसम?
    १. IMD के अनुसार, 11 जून से थोड़ा बदलाव शुरू होगा।
    २. 13 और 14 जून को गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है।
    ३. तापमान 38-39 डिग्री सेल्सियस तक आ सकता है।

    15 जून को बारिश के साथ हवाएं चलने का अनुमान है, जिससे तापमान और कम हो सकता है। हालांकि, उमस (Humidity) बढ़ने के कारण गर्मी का असर पूरी तरह खत्म नहीं होगा।

    इसलिए अगले कुछ दिन अभी सावधानी बरतना जरूरी रहेगा।

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