




UNFPA की रिपोर्ट के मुताबिक 2025 में भारत की जनसंख्या होगी 1.46 अरब, आने वाले दशकों में जनसंख्या घटने के भी संकेत।
नई दिल्ली, 11 जून 2025: भारत की जनसंख्या को लेकर संयुक्त राष्ट्र की ओर से एक बड़ा खुलासा किया गया है। UNFPA (United Nations Population Fund) द्वारा जारी ‘विश्व जनसंख्या रिपोर्ट 2025‘ के अनुसार, भारत की जनसंख्या वर्ष 2025 में 1.46 अरब (146 करोड़) तक पहुंच सकती है। इस आंकड़े के साथ भारत दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएगा।
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत का कुल प्रजनन दर (TFR) घटकर 1.9 हो गया है, जो पीढ़ी बदलने की दर यानी 2.1 के स्तर से नीचे है। इससे साफ है कि भले ही कुल जनसंख्या बढ़ रही हो, लेकिन जन्म दर में गिरावट आई है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट से जुड़ी प्रमुख बातें:
१. 2025 में जनसंख्या: 1.46 अरब
२. 2065 तक अनुमानित अधिकतम जनसंख्या: 1.7 अरब
३. 2065 के बाद जनसंख्या में गिरावट का अनुमान
४. 0-14 वर्ष आयु वर्ग: 24%
५. 10-24 वर्ष आयु वर्ग: 26%
६. 15-64 वर्ष आयु वर्ग: 68%
७. 65 वर्ष से ऊपर: 7%
UNFPA रिपोर्ट का मुख्य फोकस:
रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि आज दुनिया की समस्या केवल जनसंख्या वृद्धि या गिरावट नहीं है, बल्कि लोगों की प्रजनन संबंधी अनिश्चितताएं हैं। यानी अधिकांश लोग यह नहीं जानते कि वे कितने बच्चों को जन्म देना चाहते हैं या उन्हें जन्म देना है भी या नहीं।
स्वतंत्र निर्णय, लैंगिक समानता, गर्भनिरोधक साधनों तक पहुंच, और सटीक प्रजनन शिक्षा जैसे मुद्दों पर रिपोर्ट में जोर दिया गया है।
जनसंख्या में गिरावट के कारण:
१. शिक्षा का प्रसार
२. लैंगिक जागरूकता
३. महिला सशक्तिकरण
४. गर्भनिरोधक उपायों की उपलब्धता
५. मातृ मृत्यु दर में गिरावट
जहां 1970 में प्रति महिला औसतन 5 बच्चों का जन्म होता था, आज यह आंकड़ा घटकर 2 बच्चों तक आ गया है।
भारत के लिए क्या मायने रखती है यह रिपोर्ट?
भारत आज एक मध्यम आय वर्ग का देश है और जनसंख्या का यह बदलाव जनसांख्यिकीय लाभांश (Demographic Dividend) की दिशा में संकेत करता है। लेकिन इसके साथ स्वास्थ्य, शिक्षा और रोज़गार जैसे बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाना सरकार की सबसे बड़ी चुनौती होगी।
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