




FMCG सेक्टर में धूम मचाने के बाद पतंजलि अब बीमा, शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ा रहा है प्रभाव, लक्ष्य है भारत की नंबर 1 कंपनी बनना।
नई दिल्ली, 12 जून 2025: भारत के स्वदेशी आंदोलन को नया आयाम देने वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद अब केवल आयुर्वेदिक उत्पादों तक सीमित नहीं रह गई है। कंपनी ने FMCG सेक्टर में अपनी मजबूत पहचान बनाने के बाद अब वित्तीय सेवाएं, शिक्षा, हेल्थकेयर और रिसर्च जैसे क्षेत्रों में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है।
FMCG से लेकर बीमा और शिक्षा तक: पतंजलि का विस्तार
पतंजलि का दावा है कि उसने न केवल दंत कांति, केश कांति, घी और हर्बल उत्पादों के माध्यम से घरेलू बाजार में तहलका मचाया, बल्कि बीमा क्षेत्र में मैग्मा जनरल इंश्योरेंस में हिस्सेदारी खरीदकर वित्तीय क्षेत्र में भी प्रवेश कर लिया है। साथ ही, कंपनी ने अपने नेटवर्क से MSME और किसानों को जोड़कर ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
स्वदेशी और प्राकृतिक उत्पादों से जीता उपभोक्ताओं का भरोसा
पतंजलि का बिजनेस मॉडल तीन प्रमुख स्तंभों पर टिका है:
१. प्राकृतिक सामग्री का उपयोग
२. स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा
३. किफायती दाम
इससे न केवल ग्रामीण भारत में रोज़गार बढ़ा है बल्कि जैविक खेती को भी बल मिला है। पतंजलि का नेटवर्क अब देश के गांव-गांव तक पहुंच चुका है।
30 से अधिक देशों में निर्यात, भारत की बढ़ी वैश्विक साख
कंपनी ने दावा किया कि वह 30+ देशों में अपने उत्पादों का निर्यात कर रही है, जिससे न केवल भारतीय उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय साख बढ़ी है बल्कि भारत के मेक इन इंडिया अभियान को भी मजबूती मिली है।
अगला लक्ष्य: भारत की नंबर 1 FMCG कंपनी बनना
पतंजलि ने कहा कि उसका लक्ष्य अगले पांच वर्षों में भारत की शीर्ष FMCG कंपनी बनना है, जो Hindustan Unilever जैसे दिग्गजों को टक्कर दे सके। इसके लिए कंपनी ने डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क, तकनीकी इनोवेशन, और सप्लाई चेन पर भी फोकस किया है।
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