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    ईरान-इजरायल सीजफायर के बीच भारत के लिए आयी अच्छी खबर, चीन-पाकिस्तान को लगेगी मिर्ची।

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    ग्लोबल एजेंसी S&P ने भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 6.5% किया, घरेलू मांग और स्थिरता बनी बड़ी वजह।

    ईरान-इजरायल सीजफायर: ईरान-इजरायल युद्धविराम और वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत के लिए राहत की खबर आयी है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी S&P (स्टैंडर्ड एंड पूअर्स) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले मई में S&P ने यह दर 6.3% आंकी थी, जिसे अब बढ़ाकर संशोधित किया गया है।

    एसएंडपी की एशिया पैसिफिक इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की मजबूत घरेलू मांग, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, सामान्य मानसून की संभावना और ब्याज दरों में संभावित कटौती की वजह से इकोनॉमी को स्थिरता और गति मिलेगी।

    भारत की GDP ग्रोथ – मजबूती की ओर
    भारत की अर्थव्यवस्था पर यह सकारात्मक पूर्वानुमान ऐसे समय में आया है जब दुनिया के कई हिस्सों में भू-राजनीतिक तनाव जारी है। इसके बावजूद, भारतीय उपभोक्ता बाजार, निजी निवेश, और सरकारी प्रोत्साहन की बदौलत देश आर्थिक मोर्चे पर मजबूती से खड़ा है।

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी अपने हालिया वक्तव्य में वित्त वर्ष 2025-26 में GDP ग्रोथ रेट 6.5% रहने की उम्मीद जताई थी, जिसे अब ग्लोबल रेटिंग एजेंसी द्वारा भी समर्थन मिल गया है।

    कच्चे तेल की कीमतें बनी चिंता
    रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर कच्चे तेल की कीमतें लंबे समय तक ऊंची बनी रहती हैं, तो यह भारत जैसी ऊर्जा आयात पर निर्भर अर्थव्यवस्थाओं के लिए चिंताजनक हो सकता है। भारत अपनी जरूरत का करीब 90% क्रूड ऑयल और 50% प्राकृतिक गैस आयात करता है।

    महंगाई, व्यापार घाटा और मुद्रा पर दबाव की स्थिति में GDP ग्रोथ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

    चीन और पाकिस्तान के लिए करारा जवाब
    भारत की इस आर्थिक मजबूती को लेकर यह कहा जा रहा है कि यह चीन और पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि भारत जियो-पॉलिटिकल संकटों के बीच भी आर्थिक रूप से सशक्त बन रहा है। एसएंडपी की रिपोर्ट भारत को एशिया की ग्रोथ इंजन कहती है, जो आने वाले वर्षों में और अधिक रफ्तार पकड़ सकता है।

    वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत की स्थिति मजबूत
    अमेरिका और मिडिल ईस्ट में चल रही सैन्य कार्रवाई से वैश्विक निवेश और ट्रेड प्रभावित हो सकता है

    फिर भी भारत की स्थानीय मांग, पॉलिसी स्थिरता, और आर्थिक सुधार उसे अन्य देशों से बेहतर स्थिति में रख रहे हैं

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