




रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के समकक्ष डोंग जुन से मुलाकात में स्पष्ट कहा— सीमा पर शांति बनाए रखें, कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होगी।
भारत ने चीन को किया आगाह — ‘सीमा पर नई जटिलताओं से बचें’
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री डोंग जुन से क़िंगदाओ में द्विपक्षीय बैठक की। इस मुलाकात में राजनाथ सिंह ने चीन को स्पष्ट और सख्त संदेश दिया कि दोनों देशों को सीमा पर किसी भी नए तनाव से बचना चाहिए और शांति बनाए रखना ज़रूरी है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से होगी शुरू
बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर भी चर्चा हुई। यह यात्रा कोविड-19 और गलवान घाटी विवाद के बाद स्थगित कर दी गई थी। अब छह साल बाद इसे दोबारा शुरू किया जा रहा है।
राजनाथ सिंह ने अपनी पोस्ट में कहा कि यह यात्रा सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसका पुनः आरंभ होना दोनों देशों के संबंधों में सकारात्मक संकेत है।
चीनी मंत्री को भेंट की मधुबनी पेंटिंग
राजनाथ सिंह ने भारतीय कला और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने चीनी समकक्ष को बिहार की पारंपरिक मधुबनी पेंटिंग भेंट की। यह चित्रकला अपनी जमीन से जुड़ी शैली, जीवंत रंगों और लोक सांस्कृतिक गहराई के लिए जानी जाती है।
SCO घोषणापत्र पर हस्ताक्षर से इनकार
राजनाथ सिंह ने SCO की ओर से तैयार घोषणापत्र (डिक्लेरेशन) पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार, दस्तावेज में आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे को हल्के में लिया गया, जिससे भारत की नीति को नुकसान हो सकता था। भारत ने स्पष्ट किया कि वह ऐसे किसी दस्तावेज को स्वीकार नहीं करेगा, जो आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख को कमजोर करे।
आतंकवाद पर पाकिस्तान को नसीहत
राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा:
“जो देश आतंकवाद को पनाह देते हैं और उसे नीति के रूप में इस्तेमाल करते हैं, उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। SCO को अब ऐसे दोहरे मानकों की आलोचना करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।”
यह बयान साफ करता है कि भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति पर कायम है और किसी भी मंच पर समझौता नहीं करेगा।
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