




मुंबई में एनआरआई दंपती की याचिका पर महारेरा का ऐतिहासिक फैसला—लोढ़ा डेवलपर्स को 7 लाख रुपये रिफंड का आदेश।
मुंबई, 28 जून 2025: घर खरीदने का सपना देख रहे लाखों लोगों के लिए रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) ने एक राहतभरी खबर दी है। अब बिल्डर बिना किसी वैध करार के खरीदार की बुकिंग राशि जब्त नहीं कर सकेगा। हाल ही में महाराष्ट्र RERA (MahaRERA) ने लोढ़ा डेवलपर्स को 7 लाख रुपये बिना ब्याज लौटाने का आदेश दिया है।
मामला क्या है?
वैभव किशोर अंबुकर और उनकी पत्नी सीमा, जो इस समय रूस में रहते हैं, उन्होंने मुंबई के लोढ़ा मुलुंड प्रोजेक्ट टॉवर-1 में एक फ्लैट बुक किया था। फ्लैट की कीमत थी 2.27 करोड़ रुपये और बुकिंग राशि के रूप में उन्होंने 7 लाख रुपये का भुगतान किया था।
हालांकि, यह बुकिंग होम लोन मंजूरी पर निर्भर थी। जब बैंक ने उनका लोन रिजेक्ट कर दिया, तो उन्होंने बुकिंग कैंसिल कर पैसे वापस मांगे, लेकिन लोढ़ा ग्रुप ने रिफंड देने से इनकार कर दिया।
बिल्डर का तर्क
लोढ़ा डेवलपर्स ने कहा कि बुकिंग फॉर्म के क्लॉज 3.5 के अनुसार, अगर खरीदार बुकिंग कैंसिल करता है तो बिल्डर 10% तक की राशि जब्त कर सकता है। इसलिए रिफंड संभव नहीं है।
RERA का फैसला
१. MahaRERA ने 10 जून 2025 को दिए अपने फैसले में कहा कि
२. दोनों पक्षों के बीच कोई रजिस्टर्ड सेल एग्रीमेंट नहीं हुआ था।
३. इसलिए यह क्लॉज एकतरफा, अनुचित और गैर-कानूनी है।
४. बिल्डर को बिना ब्याज 6,65,000 रुपये की रकम 15 जुलाई 2025 तक लौटानी होगी।
५. इसके अलावा 20,000 रुपये कानूनी खर्च का मुआवजा भी देना होगा।
६. यदि भुगतान तय समय तक नहीं किया गया तो 16 जुलाई से SBI की MCLR दर से 2% अधिक ब्याज भी देना पड़ेगा।
RERA कानून क्या कहता है?
रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के अनुसार, बुकिंग अमाउंट प्रॉपर्टी की कीमत के 10% से ज्यादा नहीं हो सकता, और लिखित समझौते के बिना कोई शर्त लागू नहीं की जा सकती।
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