




ईरान पर सैन्य कार्रवाई के बाद अब अमेरिका ने 30 अरब डॉलर की डील का ऑफर दिया, इजरायल को किया नजरअंदाज! ईरानी विदेश मंत्री ने कहा- कोई बातचीत नहीं हुई।
हमला भी और निवेश का प्रस्ताव भी! अमेरिका के दोहरे रवैये से उभरे नए सवाल
पश्चिम एशिया में ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध में हाल ही में अमेरिका ने भी हस्तक्षेप किया और ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया। लेकिन अब स्थिति अचानक बदलती नजर आ रही है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका अब ईरान को 20 से 30 अरब डॉलर के निवेश का प्रस्ताव दे रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह राशि ईरान के सिविल न्यूक्लियर प्रोग्राम के लिए होगी और यह निवेश अरब देशों के माध्यम से किया जा सकता है, न कि सीधे अमेरिका की ओर से।
कूटनीति की वापसी या छुपा एजेंडा?
व्हाइट हाउस की तरफ से दिए गए बयान में कहा गया है कि अमेरिका अब ईरान के साथ कूटनीतिक समाधान की ओर लौटना चाहता है। इसका मतलब ये भी हो सकता है कि अमेरिका अब सीधे संघर्ष से पीछे हटकर पर्दे के पीछे सौदेबाज़ी की रणनीति पर काम कर रहा है।
हालांकि इस रिपोर्ट को लेकर अब तक किसी भी अमेरिकी अधिकारी ने स्पष्ट या औपचारिक पुष्टि नहीं की है।
ईरानी विदेश मंत्री का विरोधाभासी बयान
ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर स्पष्ट कहा है कि अमेरिका के साथ फिलहाल कोई बातचीत नहीं चल रही है। उन्होंने ईरानी राष्ट्रीय टीवी को बताया कि अगर बातचीत फिर से शुरू करनी है तो वह केवल ईरान के राष्ट्रीय हितों के आधार पर होगी।
उन्होंने कहा: “हम अपने फैसले केवल राष्ट्रीय हितों के अनुसार ही लेंगे। फिलहाल कोई डील, वादा या वार्ता शुरू नहीं हुई है।”
इजरायल के लिए यह एक बड़ा झटका?
इजरायल, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर बेहद चिंतित रहा है, अब अमेरिका के इस कदम से आश्चर्यचकित हो सकता है। अमेरिका ने एक तरफ तो ईरान पर सैन्य कार्रवाई की, और दूसरी तरफ अब विकास और सहयोग की बात कर रहा है। इजरायली रणनीतिकार इसे बड़ा राजनीतिक धोखा मान सकते हैं।
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