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    BRICS शिखर सम्मेलन में नहीं होंगे शी जिनपिंग शामिल, चीन ने बताई चौंकाने वाली वजह।

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    12 साल में पहली बार ब्रिक्स सम्मेलन से गैरहाजिर रहेंगे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, चीन ने कहा- पीएम ली कियांग होंगे प्रतिनिधि, अगली मोदी-शी बैठक पर अटकलें तेज़।

    बीजिंग/ब्रासीलिया: ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2025 से पहले ही बड़ा झटका सामने आया है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस बार इस वैश्विक मंच से गैरहाजिर रहेंगे, जो कि उनके 12 साल लंबे कार्यकाल में पहली बार हो रहा है। इसकी पुष्टि खुद चीन के विदेश मंत्रालय ने कर दी है। उनके स्थान पर प्रधानमंत्री ली कियांग 5 से 8 जुलाई 2025 तक ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित होने वाले 17वें ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

    चीन ने क्या कहा?
    बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बताया कि प्रधानमंत्री ली कियांग राष्ट्रपति शी जिनपिंग के स्थान पर ब्रिक्स प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। हालांकि, शी जिनपिंग के व्यक्तिगत रूप से शामिल न होने की कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई गई।

    ब्रिक्स उभरती अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों के लिए एकजुटता और सहयोग का मंच है। चीन इस मंच के ज़रिए साझा विकास, बहुपक्षीयता और वैश्विक शासन के सुधार को लेकर प्रतिबद्ध है।” – माओ निंग

    मोदी-शी मुलाकात अब कब?
    गौरतलब है कि 2024 में रूस के कज़ान में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी, जिससे पूर्वी लद्दाख विवाद के चार साल पुराने गतिरोध को तोड़ने की दिशा में बड़ा कदम माना गया था।

    अब चूंकि शी जिनपिंग ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे, तो दोनों नेताओं की अगली संभावित मुलाकात चीन में आयोजित होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हो सकती है, अगर पीएम मोदी उसमें शामिल होते हैं।

    ब्रिक्स में नए सदस्य, बढ़ा सामर्थ्य
    इस बार के ब्रिक्स सम्मेलन में मूल पांच सदस्य – ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका के साथ-साथ नए पांच सदस्य – मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब, और यूएई भी शामिल होंगे, जिससे इस संगठन की भू-राजनीतिक और आर्थिक ताकत और बढ़ गई है।

    ब्रिक्स का मुख्य उद्देश्य विकासशील देशों के बीच सहयोग, समावेशी वैश्वीकरण और वैश्विक सत्ता संतुलन को सुदृढ़ करना है।

    शी जिनपिंग का सम्मेलन में हिस्सा न लेना, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई तरह की अटकलों को जन्म दे रहा है – क्या यह स्वास्थ्य कारणों से है, क्या यह रणनीतिक निर्णय है, या फिर कोई आंतरिक राजनीतिक संदेश? आने वाले हफ्तों में इस पर और स्पष्टीकरण की उम्मीद की जा रही है।

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