




Google के Veo 3 AI वीडियो टूल से अब महज कुछ क्लिक में बनाएं सिनेमैटिक क्वालिटी वाले रियलिस्टिक वीडियो, बैकग्राउंड म्यूज़िक और आवाज़ के साथ।
अब AI से वीडियो बनाना होगा बेहद आसान! भारत में लॉन्च हुआ Google का Veo 3 टूल, जानें इसकी खासियतें।
Google Advance Tool: गूगल ने भारत में अपनी सबसे लेटेस्ट और एडवांस्ड जनरेटिव एआई वीडियो तकनीक Veo 3 को लॉन्च कर दिया है। इस अत्याधुनिक टूल की पहली झलक मई 2025 में आयोजित Google I/O डेवलपर कॉन्फ्रेंस के दौरान दिखाई गई थी। फिलहाल यह सुविधा केवल Google Gemini ‘Pro’ सब्सक्रिप्शन यूज़र्स के लिए उपलब्ध कराई गई है।
कैसे करता है काम Veo 3?
Veo 3 टूल के जरिए यूजर्स 8 सेकंड तक के छोटे वीडियो क्लिप्स तैयार कर सकते हैं। इन वीडियो में सिर्फ विजुअल्स ही नहीं बल्कि बैकग्राउंड म्यूजिक, रियलिस्टिक साउंड इफेक्ट्स और सिंथेटिक आवाज़ें भी शामिल की जा सकती हैं।
इस तकनीक की खासियत यह है कि यह केवल टेक्स्ट के आधार पर वीडियो क्रिएट नहीं करता, बल्कि यूजर के बताए अनुसार पात्रों के लिप-सिंकिंग, प्राकृतिक फिजिक्स, प्रकाश प्रभाव और रीयलिस्टिक मूवमेंट्स भी दिखाता है। इससे वीडियो को और भी अधिक सिनेमैटिक और वास्तविक बनाया जा सकता है।
Google का आधिकारिक बयान क्या कहता है?
Google की ओर से जारी बयान में कहा गया, “चाहे आप इतिहास को एक मॉडर्न सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की नजर से दिखाना चाहें या बिगफुट जैसे मिथकीय पात्र को जीवन देना चाहें, Veo 3 आपके विचारों को साकार करने के लिए तैयार है।”
कंपनी के मुताबिक, यह टूल सिर्फ एक क्रिएटिव प्लेटफॉर्म नहीं बल्कि एक ऐसा इकोसिस्टम है, जहां टेक्नोलॉजी के जरिए कल्पनाओं को हकीकत का रूप दिया जा सकता है।
वॉटरमार्क और सुरक्षा का भी पूरा ध्यान
Google ने स्पष्ट किया है कि Veo 3 से तैयार किए गए सभी वीडियो में दो तरह के वॉटरमार्क होंगे:
१. एक विज़ुअल वॉटरमार्क, जिसे कोई भी देख सकता है।
२. एक डिजिटल वॉटरमार्क (SynthID), जो अदृश्य होता है और इससे यह पहचाना जा सकता है कि वीडियो AI से बना है।
साथ ही कंपनी लगातार इस टूल पर रेड टीमिंग और सिक्योरिटी टेस्टिंग कर रही है ताकि गलत उपयोग को रोका जा सके और इसका सुरक्षित तथा जिम्मेदाराना उपयोग सुनिश्चित हो सके।
सोशल मीडिया पर Veo 3 के नमूने वायरल
Google I/O के बाद से कई कंटेंट क्रिएटर्स और टेक उत्साही लोगों ने सोशल मीडिया पर Veo 3 से बनाए गए वीडियो क्लिप्स शेयर किए हैं। इन वीडियो में इसका लिप-सिंकिंग, टेक्स्ट और इमेज प्रॉम्प्ट से वीडियो बनाना और फिजिकल मूवमेंट्स को सटीक दिखाना जैसे फीचर्स काफी प्रभावित कर रहे हैं।
Veo 3 को OpenAI के Sora टूल का सबसे मजबूत प्रतियोगी माना जा रहा है और फिलहाल दोनों के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही है।
भारत में किसे मिलेगा फायदा?
भारत में डिजिटल क्रिएटर्स, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स, एजुकेशन सेक्टर और विज्ञापन एजेंसियों के लिए Veo 3 एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। अब तक के AI वीडियो टूल्स के मुकाबले इसकी क्वालिटी, रियलिज्म और आसान यूजर इंटरफेस इसे बेहद खास बनाता है।
Veo 3 के भारत में लॉन्च के साथ ही वीडियो निर्माण का तरीका पूरी तरह बदलने वाला है। यह सिर्फ कंटेंट क्रिएटर्स के लिए नहीं बल्कि शिक्षा, विज्ञापन, और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के लिए भी बड़ी क्रांति साबित होगा। आने वाले समय में जैसे-जैसे यह तकनीक सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध होगी, डिजिटल दुनिया में रचनात्मकता की नई लहर देखने को मिलेगी।
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