




महानगर स्पोर्ट्स अकादमी के संस्थापक पंकज गजानन सुरलकर ने खेल जगत में अनुशासन और समर्पण से पाई राष्ट्रीय पहचान, जमीनी स्तर पर खेल विकास के लिए कर रहे हैं उल्लेखनीय कार्य
Success Stroy: भारत के खेल जगत में जहां बड़े शहरों के खिलाड़ी सुर्खियां बटोरते हैं, वहीं अकोला जैसे छोटे शहर से निकला एक नाम पंकज गजानन सुरलकर आज राष्ट्रीय स्तर पर चमक रहा है। उन्हें “नेशनल आइकॉन अवॉर्ड 2025‘ में ‘साल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी‘ (Best Sportsperson of the Year) के खिताब से सम्मानित किया गया है।
पंकज सुरलकर सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं हैं, बल्कि वे एक कोच, मार्गदर्शक और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने महानगर स्पोर्ट्स अकादमी, अकोला के माध्यम से सैकड़ों खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर खेल के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
खेलों के प्रति जुनून से शुरू हुआ सफर
पंकज सुरलकर का खेलों के प्रति लगाव किसी बड़े स्टेडियम से नहीं, बल्कि छोटे-छोटे प्रशिक्षण मैदानों से शुरू हुआ। बचपन से ही उन्होंने कठिन परिश्रम और अनुशासन के बल पर खेलों में सफलता पाई।
खुद के खेल करियर में सफलता के बाद उन्होंने महसूस किया कि देश में खेलों का भविष्य ग्रासरूट लेवल के प्रशिक्षण और पेशेवर कोचिंग से ही उज्जवल हो सकता है।
महानगर स्पोर्ट्स अकादमी: सपनों का मंच
अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने महानगर स्पोर्ट्स अकादमी की स्थापना की। यह अकादमी अकोला में विभिन्न खेलों जैसे एथलेटिक्स, क्रिकेट, कबड्डी और फिटनेस ट्रेनिंग के लिए एक हब बन गई है।
अकादमी में प्रशिक्षित कई खिलाड़ी स्कूल, कॉलेज, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं।
सुरलकर का मानना है कि खेल प्रशिक्षण केवल फिजिकल फिटनेस तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि उसमें मानसिक अनुशासन और नैतिक मूल्यों का समावेश भी जरूरी है।
राष्ट्रीय स्तर पर मिली पहचान
पंकज सुरलकर को नेशनल आइकॉन अवॉर्ड 2025 मिलना उनके निरंतर प्रयासों, समर्पण और युवाओं के लिए किए जा रहे मार्गदर्शन का परिणाम है।
यह पुरस्कार सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि अकोला जैसे छोटे शहर से उठे खेल आंदोलन और जमीनी स्तर पर हो रहे बदलावों का भी प्रतीक है।
अकोला से भारत के खेल भविष्य की ओर
उनकी अकादमी और नेतृत्व ने यह साबित कर दिया है कि छोटे शहरों में भी बड़े खिलाड़ी तैयार हो सकते हैं, अगर उन्हें सही मार्गदर्शन और संसाधन मिले।
भारत के खेल इकोसिस्टम को मजबूत करने में पंकज सुरलकर और उनकी टीम का योगदान आने वाले वर्षों में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सम्मान और प्रेरणा
“नेशनल आइकॉन अवॉर्ड 2025” के इस सम्मान के साथ पूरा अकोला और महाराष्ट्र गौरवान्वित है। पंकज सुरलकर ने खेलों को सिर्फ ट्रॉफी या मेडल पाने का जरिया नहीं माना, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बनाया है।
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