




जून 2025 में महंगाई दर पहुंची 0.13% पर, आलू-दाल से लेकर ईंधन तक सस्ता; आम आदमी को मिली राहत और रिजर्व बैंक ने जताई और गिरावट की उम्मीद।
नई दिल्ली: देश में लगातार घटती महंगाई ने आम जनता को बड़ी राहत दी है। सरकार द्वारा सोमवार को जारी किए गए थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के आंकड़ों के मुताबिक, जून 2025 में WPI महज 0.13% रहा, जो पिछले 20 महीनों का सबसे निचला स्तर है। यह अक्टूबर 2023 के बाद की सबसे कम दर है। वहीं, मई 2025 में यह दर 0.39% थी।
किस वजह से आई गिरावट?
सरकार ने बताया कि इस गिरावट की मुख्य वजह क्रूड ऑयल, नैचुरल गैस, मिनरल ऑयल और बेसिक मेटल्स के दामों में कमी है। इसके अलावा, खाने-पीने की जरूरी वस्तुएं भी सस्ती हुई हैं, जिससे आम उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ कम हुआ है।
सब्जियों और अनाज की कीमतों में राहत
१. आलू की कीमत में 32.67% की भारी गिरावट दर्ज की गई, जबकि मई में यह गिरावट 29.42% थी।
२. प्याज की महंगाई दर बढ़कर 33.49% हुई, जो मई में 14.41% थी।
३. दालों की कीमतें जून में 22.65% तक घटीं, जबकि मई में ये दर 10.41% थी।
४. अनाज की महंगाई जून में 3.75% कम रही, जो मई में 2.56% थी।
५. कुल मिलाकर रसोई का बजट हल्का हुआ और आम आदमी को सीधी राहत मिली।
ईंधन और बिजली के दाम भी काबू में
१. ईंधन और बिजली की महंगाई दर जून में 2.65% रही, जबकि मई में यह 22.27% तक थी।
२. मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स (जो WPI बास्केट का 60% हिस्सा होते हैं) की महंगाई दर 1.97% रही।
३. प्राइमरी आर्टिकल्स (प्राथमिक वस्तुएं) की महंगाई दर जून में 3.38% घटी, जो मई में 2.02% थी।
महंगाई में और गिरावट की संभावना
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की अप्रैल में हुई मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में अनुमान जताया गया था कि खाने-पीने की चीजों की कीमत घटने से महंगाई में और गिरावट आएगी।
FY26 के लिए महंगाई का संशोधित अनुमान: 4.0% (पहले 4.2% था)
इसका मतलब है कि आने वाले महीनों में भी महंगाई नियंत्रित बनी रह सकती है।
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