




एक स्कूल से शुरू हुआ सफर, अब पूरे पूर्वोत्तर भारत में विश्वसनीय यूनिफॉर्म ब्रांड बन चुका है ‘Adarsh Uniforms‘।

Success Story: Fancy Bazar की भीड़-भाड़ भरी गलियों में साल 1985 में शुरू हुआ एक छोटा सा यूनिफॉर्म स्टोर, आज पूर्वोत्तर भारत का जाना-पहचाना नाम बन चुका है—Adarsh Uniforms। इस ब्रांड की नींव रखी थी श्री.पारसमल जैन ने, जिन्होंने सीमित संसाधनों और असीम विश्वास के साथ सिर्फ एक स्कूल से अपने सफर की शुरुआत की थी।
उनके बेटे सचिन जैन ने पढ़ाई के दौरान ही दुकान संभालनी शुरू कर दी थी। वह बताते हैं, “हमारे पास पूंजी नहीं थी, लेकिन लगन, मेहनत और गुणवत्ता की प्रतिबद्धता थी।”
शुरुआत में स्कूलों को जोड़ना सबसे बड़ी चुनौती थी। पारसमल जी और सचिन जी खुद कपड़े और डिज़ाइन सैंपल लेकर स्कूल-दर-स्कूल जाते। हर एक ‘ना’ के बाद मिलने वाला एक ‘हां’ उन्हें और मजबूत बनाता गया।
धीरे-धीरे, Adarsh Uniforms ने सिर्फ स्कूलों ही नहीं, कॉलेजों, हॉस्पिटलों और कॉरपोरेट्स के लिए भी यूनिफॉर्म सप्लाई करना शुरू किया। आज यह ब्रांड पूरे नॉर्थ-ईस्ट में विश्वास और गुणवत्ता का पर्याय बन चुका है।
सचिन जैन कहते हैं, “हमने हमेशा विश्वास किया कि गुणवत्ता कभी पुरानी नहीं होती।” डिजिटल युग में अब यह ब्रांड नए टेक्नोलॉजी जैसे DTF प्रिंटिंग को अपनाकर आधुनिकता की ओर अग्रसर है।
मूल मंत्र आज भी वही है:
१. हर बच्चे को ऐसा यूनिफॉर्म मिलना चाहिए जिसमें वह आराम से पढ़ सके, खेल सके और आत्मविश्वास महसूस करे।
२. Adarsh Uniforms की कहानी सिर्फ व्यापार की नहीं, बल्कि विरासत, संघर्ष और समर्पण की मिसाल है।
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