




AXIOM-4 मिशन का ड्रैगन कैप्सूल पृथ्वी की ओर लौट रहा है, शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम की वापसी पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं, लेकिन तकनीकी खराबियों और मौसम की चुनौती बनी हुई है।
AXIOM-4: आज धरती पर लौटेगा AX-4 मिशन, मिशन में शामिल हैं भारत के शुभांशु शुक्ला।
भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन आज धरती पर लौटने वाला है। यह स्पेसक्राफ्ट करीब 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की तरफ बढ़ रहा है। यह AXIOM-4 मिशन का हिस्सा है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चुने गए वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री शामिल थे।
18 दिनों के स्पेस मिशन के बाद ड्रैगन कैप्सूल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से सफलतापूर्वक अलग हो चुका है और अब पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
नज़रें टिकी हैं नासा और स्पेसX कंट्रोल सेंटर पर
शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम की वापसी पर नासा और स्पेस एक्स के कंट्रोल सेंटर से लेकर भारत तक हर कोई नजरें टिकाए हुए है। हर कोई इस ऐतिहासिक वापसी का साक्षी बनने को तैयार है, लेकिन मिशन की शुरुआत से ही तकनीकी और पर्यावरणीय परेशानियां इस वापसी को लेकर चिंताएं भी खड़ी कर रही हैं।
तकनीकी चुनौतियां और इतिहास की चिंता
१. मिशन की शुरुआत में फाल्कन 9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन का लीक होना।
२. फिर ड्रैगन कैप्सूल के सिस्टम में आई तकनीकी खामी।
३. इसके बाद खराब मौसम ने भी चुनौती दी।
इन सबके चलते पुराने हादसों की यादें ताजा हो गई हैं, खासकर 2003 का कोलंबिया हादसा, जिसमें स्पेस शटल मिशन पूरा होने से ठीक पहले दुर्घटना का शिकार हो गया था।
हीट शील्ड पर 2000 डिग्री सेल्सियस तापमान
तेजी से धरती की ओर बढ़ रहे ड्रैगन कैप्सूल की बाहरी सतह पर हीट शील्ड लगाया गया है, जो 2000 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को झेल सकता है। जैसे-जैसे यह पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करेगा, इसकी रफ्तार को धीरे-धीरे कम किया जाएगा।
मौसम बन सकता है बड़ी चुनौती
यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने चेतावनी दी है कि वापसी के समय मौसम खराब हो सकता है, जिससे सॉफ्ट स्प्लैशडाउन में बाधा आ सकती है। AXIOM-4 मिशन का ड्रैगन कैप्सूल ‘ग्रेस‘, फ्लोरिडा के तट के पास अटलांटिक महासागर में लैंड करेगा।
अगर वहां तेज हवाएं, बारिश या तूफान हुए तो यह लैंडिंग को जोखिम में डाल सकता है।
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