




श्रीनगर/नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में जब 22 अप्रैल 2025 को 26 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या हुई, तो देशभर में गुस्सा फैल गया था। अब इस हमले के एक चश्मदीद गवाह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को ऐसा सच बताया है, जिसे सुनकर रूह कांप जाती है।
गवाह के मुताबिक, तीन पाकिस्तानी आतंकियों ने हमले के बाद हवा में गोलियां चलाकर जश्न मनाया। इस गवाह को स्टार प्रोटेक्टेड विटनेस का दर्जा दिया गया है और उसकी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
आतंकियों ने कलमा पढ़वाया, फिर छोड़ दिया
NIA से जुड़े सूत्रों ने बताया कि चश्मदीद हमले के तुरंत बाद घटनास्थल के पास पहुंचा था। आतंकियों ने उसे रोका और कलमा पढ़ने को कहा। उसने स्थानीय कश्मीरी लहजे में कलमा पढ़ा, जिससे वह उनकी पहचान से बच गया। इसके बाद आतंकियों ने चार राउंड हवाई फायरिंग की, जिसे NIA ने घटनास्थल से खाली कारतूस के रूप में जब्त भी कर लिया है।
स्थानीय मददगारों की भूमिका भी उजागर
गवाह ने बताया कि उसने परवेज अहमद जोठार और बशीर अहमद को आतंकियों का सामान पहाड़ी इलाके में ले जाते हुए देखा था। ये दोनों पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं और अब उनके खिलाफ NIA की जांच और गहराई से हो रही है।
हमले की प्लानिंग: चावल, मसाले और रेकी
जांच में पता चला है कि 21 अप्रैल को दोपहर 3:30 बजे, तीन पाकिस्तानी आतंकी परवेज के घर पहुंचे। वहां उन्होंने चार घंटे तक इलाके की रेकी की। उन्होंने जाते वक्त परवेज की पत्नी से मसाले और चावल पैक करवाए और उसे 500-500 रुपये के नोट दिए।
इसके बाद वे बशीर से मिलने गए और 22 अप्रैल को दोपहर 12:30 बजे हमला करने की योजना बनाई।
लश्कर-ए-तैयबा और सुलेमान शाह का कनेक्शन
NIA को शक है कि इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है। जांच एजेंसी को आतंकी सुलेमान शाह पर विशेष संदेह है, जो इससे पहले सुरंग प्रोजेक्ट में काम कर रहे 7 मजदूरों की हत्या में भी शामिल था।
🔍 जांच का दायरा बढ़ा, आतंकी नेटवर्क की तलाश जारी
अब NIA इस हमले से जुड़े पूरे आतंकी नेटवर्क, स्थानीय मददगारों, और पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से लिंक की बारीकी से जांच कर रही है। लश्कर-ए-तैयबा से संबंध की पुष्टि हो चुकी है, और कई गिरफ्तारियां जल्द संभव हैं।