




नई दिल्ली | 18 जुलाई 2025:
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (IGIA), दिल्ली ने एक बड़ा उपलब्धि हासिल की है। यह देश का पहला एयरपोर्ट बन गया है जिसे “नेट ज़ीरो वेस्ट टू लैंडफिल प्लेटिनम सर्टिफिकेशन” प्राप्त हुआ है। इसका मतलब है कि एयरपोर्ट से निकलने वाला कोई कचरा जमीन में दबाया नहीं जाता, बल्कि पूरी तरह से अपशिष्ट प्रबंधन के माध्यम से रिसायकिल या री-यूज़ किया जाता है।
क्या है नेट ज़ीरो वेस्ट टू लैंडफिल प्लेटिनम सर्टिफिकेशन?
यह प्लेटिनम स्तर की सर्टिफिकेशन दिखाती है कि एयरपोर्ट मैनिफॅक्चरड वेस्ट को लैंडफिल में भेजने से पूरी तरह बच रहा है। इसका उद्देश्य पर्यावरणीय क्षेत्र में सर्वोच्च मानदंडों को लागू करना और कचरे के न्यूनीकरण की दिशा में अग्रणी मॉडल प्रस्तुत करना है।
IGIA की पर्यावरणीय पहलें और कार्यान्वयन
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रीसाइक्लिंग वेस्ट मैनेजमेंट: एयरपोर्ट पर उत्पन्न सभी प्रकार के वेस्ट (खाद्य, प्लास्टिक, कागज, आदि) को अलग-अलग कैटेगरी में विभाजित करके रिसायक्लिंग या कम्पोस्टिंग के माध्यम से नष्ट किया जाता है ।
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सौर ऊर्जा एवं रिन्यूएबल एनर्जी: IGIA ने एयरसाइड में 7.84 MW सौर ऊर्जा संयंत्र इंस्टॉल किया है और जून 2022 से पूरी तरह से renewable electricity पर चल रहा है
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इलेक्ट्रिक वाहन और ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर: एयरपोर्ट की लगभग 95% वाहन बेड़े को इलेक्ट्रिक वाहन से बदल दिया गया है। ग्रीन बिल्डिंग मानकों के तहत LEED, IGBC व PEER® प्लेटिनम सर्टिफिकेशन भी प्राप्त है ।
310 डिग्री सेंटीग्रेड तक उत्सर्जन में कमी – ACI Level‑5 Net Zero कार्बन सर्टिफिकेशन
IGIA ने Airport Council International (ACI) की Airport Carbon Accreditation (ACA) प्रोग्राम में Level‑5 Net Zero Certification हासिल किया है।
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Scope‑1 और Scope‑2 CO₂ उत्सर्जन में 90% की कमी
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बाकी बचा उत्सर्जन carbon offsets के माध्यम से पूरा किया गया
इस उपलब्धि ने IGIA को पहले नेट ज़ीरो विमानतळ के रूप में स्थापित कर दिया, जबकि मूल लक्ष्य 2030 था, जो अब समय से पहले ही हासिल हो गया है ।
✅ महत्वपूर्ण लाभ व प्रेरणादायक उदाहरण
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IGIA ने देश में एयरपोर्ट ऑपरेशंस का पर्यावरणीय प्रभाव न्यूनतम करने की दिशा में मिसाल कायम की है।
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शुद्ध ऊर्जा और उच्च दक्षता वाले संचालन ने इसे एक वैश्विक स्थिरता मॉडल बना दिया है।
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दूसरे भारतीय एयरपोर्ट्स (मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद) ने भी IGIA की पहल को अपनाया है, जिससे समग्र रूप से इंडिय़ा का ग्रीन एविएशन पर जोर मजबूत हुआ है ।