




लंदन, 18 जुलाई 2025।
ब्रिटिश सरकार ने वोटिंग की न्यूनतम उम्र घटाकर 16 साल करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस निर्णय को देश के लोकतंत्र को फिर से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे पहले वर्ष 1969 में मतदान की उम्र को 21 से घटाकर 18 किया गया था। अब लगभग 1.6 मिलियन (16 लाख) नए युवा मतदाता पहली बार राष्ट्रीय चुनावों में हिस्सा ले सकेंगे।
उप प्रधानमंत्री का बयान
ब्रिटेन की उप प्रधानमंत्री एंजेला रेयनर ने कहा,
“हमारी संस्थाओं और लोकतंत्र में घटता विश्वास एक गंभीर समस्या बन चुका है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह बदलाव लाए और लोकतंत्र को फिर से जीवंत बनाए, जैसे हमारे पूर्वजों ने किया था।”
रेयनर ने यह भी स्पष्ट किया कि यह बदलाव केवल वोटिंग एज को लेकर नहीं है, बल्कि यह व्यापक लोकतांत्रिक सुधारों का हिस्सा है। इनमें राजनीतिक दलों को मिलने वाले विदेशी चंदों पर नियंत्रण और वोटर रजिस्ट्रेशन को सरल बनाना भी शामिल है।
समर्थन और विरोध दोनों
जहां सरकार इसे लोकतंत्र के विस्तार का जरिया बता रही है, वहीं विपक्ष के कुछ नेताओं ने इस फैसले को चुनावी संतुलन बिगाड़ने की कोशिश कहा है। आलोचकों का मानना है कि युवा मतदाता एकतरफा झुकाव वाले हो सकते हैं, जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हो सकते हैं।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य
ब्रिटेन दुनिया का पहला देश नहीं है जिसने ऐसा निर्णय लिया है। इन देशों में पहले से ही 16 साल की उम्र में वोटिंग की अनुमति है:
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ऑस्ट्रिया
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माल्टा
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ब्राज़ील
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ग्रीस (17 साल में अनुमति)
वहीं, जर्मनी और बेल्जियम में 16 साल के युवा यूरोपीय संसद चुनावों में हिस्सा ले सकते हैं, लेकिन राष्ट्रीय चुनावों में नहीं।
निष्कर्ष:
यह निर्णय न केवल युवाओं को राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल करने का प्रयास है, बल्कि विश्वास और भागीदारी आधारित लोकतंत्र की पुनर्स्थापना की दिशा में ब्रिटेन की एक साहसिक पहल भी है। अब देखना यह है कि यह बदलाव ब्रिटेन की राजनीति और युवा भागीदारी को कैसे प्रभावित करता है।