




नई दिल्ली/हमीरपुर:
हिमाचल प्रदेश में वर्षों से अधर में लटकी केंद्रीय विश्वविद्यालय देहरा की परियोजना को लेकर सियासत गरमा गई है। मंगलवार को भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस मुद्दे पर सुक्खू सरकार पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने दिल्ली में अपने निवास पर सीपीडब्ल्यूडी (CPWD) के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की और निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए कड़े निर्देश दिए।
अनुराग ठाकुर ने कहा, “वर्ष 2009 में इस विश्वविद्यालय को मंजूरी मिली थी, लेकिन 2025 तक भी इसका स्थायी परिसर तैयार नहीं हो सका।” उन्होंने कहा कि छात्र आज भी किराए के अस्थायी भवनों में पढ़ाई कर रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक है।
“केंद्र ने किया वादा निभाया, राज्य ने दिखाई उदासीनता”
अनुराग ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए बजट को 250 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ कर दिया। बावजूद इसके, राज्य सरकार की ओर से भूमि उपलब्ध कराने में देरी, फॉरेस्ट क्लीयरेंस की कमी, और बिजली-पानी की अनुपलब्धता जैसे मुद्दों के चलते अब तक काम अधूरा है।
उन्होंने कहा, “छात्रों के उज्ज्वल भविष्य से जुड़े इस प्रोजेक्ट के साथ हिमाचल सरकार का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है।” अनुराग ठाकुर ने आग्रह किया कि राज्य सरकार तत्काल हस्तक्षेप करे और सभी अड़चनों को दूर कर छात्रों को समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराए।
📚 देहरा बनेगा शिक्षा का हब — अनुराग ठाकुर
अनुराग ठाकुर ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में देहरा क्षेत्र एक प्रमुख शैक्षणिक केंद्र के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि इससे रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। लेकिन फिलहाल स्थिति यह है कि 2,500 छात्रों को उचित शैक्षणिक वातावरण नहीं मिल पा रहा, जो गंभीर चिंता का विषय है।
“छात्रों का भविष्य सुरक्षित हो, यही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए”
इस मुद्दे को लेकर अनुराग ठाकुर ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सीयू देहरा से जुड़े सभी लंबित मामलों का निस्तारण जल्द से जल्द किया जाए। उन्होंने कहा कि यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है, बशर्ते इसमें देरी और लापरवाही न हो।