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नई दिल्ली/रांची:
झारखंड के जननायक, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का सोमवार, 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे और पिछले कई महीनों से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे।
शिबू सोरेन के पुत्र और झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर इस दुखद समाचार की पुष्टि करते हुए अत्यंत भावुक शब्दों में लिखा—
“आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं।
आज मैं शून्य हो गया हूं…”
शिबू सोरेन को 19 जून से सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वे लगातार डॉक्टरी निगरानी में थे। अंतिम समय में उनके साथ उनके परिजन और झामुमो के वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
कई बार रहे झारखंड के मुख्यमंत्री
शिबू सोरेन झारखंड की राजनीति में एक मजबूत और करिश्माई चेहरा रहे। उन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री पद संभाला और झामुमो को एक जनांदोलन से राजनीतिक शक्ति में तब्दील किया। वे राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं, और आखिरी बार 2020 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।
राजनीति से दूरी, लेकिन मार्गदर्शन जारी
हाल के वर्षों में शारीरिक अस्वस्थता के चलते उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली थी, लेकिन वे लगातार पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को मार्गदर्शन देते रहे। वर्ष 2023 में हुए झामुमो के राष्ट्रीय अधिवेशन में वे व्हीलचेयर पर मौजूद रहे और उनका प्रभाव आज भी पार्टी के हर निर्णय में देखा जाता था।
‘गुरुजी’ के निधन पर नेताओं की प्रतिक्रियाएं
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी और कहा,
“मैं जिस क्षेत्र से सांसद हूं, वह गुरुजी का ही क्षेत्र है। उनका व्यक्तित्व इतना बड़ा था कि कभी उनके विचार या व्यवहार से किसी को तकलीफ नहीं हुई। सांसद रहते हुए उनके साथ वर्षों तक काम करने का सौभाग्य मिला। उन्होंने हमेशा मार्गदर्शन किया।”
झारखंड और देश की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है। दिशोम गुरुजी के नाम से मशहूर शिबू सोरेन ने आदिवासी समाज की आवाज को दिल्ली की संसद तक पहुंचाया। उनकी सादगी, संघर्ष और दूरदृष्टि हमेशा याद रखी जाएगी।








