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    अर्थव्यवस्था में बड़ा कदम: मोदी सरकार ने घरेलू ख़र्च बढ़ाने के लिए 20 अरब डॉलर का पैकेज पेश किया

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने एक बार फिर अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में 20 अरब डॉलर (लगभग 1.66 लाख करोड़ रुपये) के आर्थिक पैकेज को मंजूरी दी गई। इसका मक़सद है घरेलू उपभोग को बढ़ावा देना और आम जनता के हाथों में अधिक क्रय शक्ति देना।
    यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब देश वैश्विक आर्थिक दबावों और लगातार बदलते अंतरराष्ट्रीय व्यापार परिदृश्य का सामना कर रहा है।

    पैकेज की मुख्य बातें

    1. जीएसटी में राहत:
      रोज़मर्रा की ज़रूरी वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती की जाएगी, जिससे लोगों के खर्च में राहत मिलेगी।

    2. सब्सिडी और नकद हस्तांतरण:
      कमज़ोर तबके के लोगों के लिए नकद सहायता योजना (Direct Benefit Transfer) को और मज़बूत किया जाएगा।

    3. रोज़गार सृजन योजनाएं:
      छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs) को प्रोत्साहन पैकेज दिया जाएगा, ताकि रोजगार के नए अवसर पैदा हों।

    4. ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर ध्यान:
      कृषि और ग्रामीण विकास पर विशेष राशि आवंटित की जाएगी, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सके।

    सरकार की मंशा

    सरकार का कहना है कि इस पैकेज से घरेलू मांग में सीधा इज़ाफा होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक़, “अर्थव्यवस्था का सबसे मज़बूत स्तंभ है घरेलू खपत। अगर आम जनता की जेब में पैसा होगा, तो उद्योग से लेकर रोज़गार तक हर क्षेत्र में रौनक लौटेगी।”

    अर्थशास्त्रियों की राय

    अर्थशास्त्रियों के अनुसार,

    • इस पैकेज से GDP में 0.6% तक की वृद्धि संभव है।

    • महंगाई पर भी काबू पाया जा सकेगा क्योंकि टैक्स में कटौती से कीमतों में गिरावट आएगी।

    • हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इतना बड़ा खर्च राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) को बढ़ा सकता है, इसलिए इसके लिए मज़बूत वित्तीय प्रबंधन ज़रूरी होगा।

    रोज़गार और उद्योग पर असर

    • रोज़गार: MSME सेक्टर को राहत मिलने से युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर खुलेंगे।

    • उद्योग: ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट और उपभोक्ता वस्तुओं की मांग बढ़ेगी।

    • ग्रामीण क्षेत्र: किसानों और ग्रामीण उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे कृषि उपकरण और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में तेजी आएगी।

    विपक्ष का रुख

    विपक्षी दलों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह देर से लिया गया कदम है। कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा, “महंगाई से जूझ रही जनता को बहुत पहले ऐसी राहत मिलनी चाहिए थी।” वहीं, कुछ दलों ने सवाल उठाया कि “क्या यह पैकेज केवल चुनावी फायदा पाने के लिए है?”

    अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

    अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस कदम को सकारात्मक रूप से देखा जा रहा है। निवेशक समुदाय का मानना है कि भारत का यह कदम एशियाई अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने में मदद करेगा। वहीं, विदेशी निवेशक भारतीय बाज़ार की ओर और आकर्षित होंगे।

    निष्कर्ष

    मोदी सरकार का यह आर्थिक पैकेज घरेलू उपभोग बढ़ाने के लिहाज से एक बड़ा और साहसिक कदम माना जा रहा है। यदि इसे सही ढंग से लागू किया गया, तो आने वाले महीनों में इसका असर GDP वृद्धि, रोज़गार सृजन और महंगाई नियंत्रण के रूप में देखने को मिल सकता है।
    हालांकि, सरकार को इस बीच राजकोषीय संतुलन बनाए रखने और योजनाओं को ज़मीन पर उतारने की सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना होगा।

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