




महाराष्ट्र में बरसात का प्रकोप
महाराष्ट्र में मानसून अपने पूरे जोर पर है और पिछले 24 घंटों में हुई मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। तन्हीनी में रिकॉर्डतोड़ 575 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि पर्यटन स्थल लोनावला में 418 मिमी बारिश हुई। इतनी भारी बरसात ने लोगों को हैरान कर दिया है और प्रशासन को सतर्क मोड पर ला दिया है।
सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र
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तन्हीनी (575 मिमी): यह इस सीजन की अब तक की सबसे बड़ी बारिश मानी जा रही है। गाँवों और कस्बों में पानी भर गया है।
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लोनावला (418 मिमी): पहाड़ी इलाका होने के कारण यहाँ जगह-जगह भूस्खलन की खबरें आ रही हैं। कई सड़कें बंद कर दी गई हैं।
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मुंबई और पुणे: दोनों महानगरों में भी लगातार तेज बारिश ने यातायात और जीवन को प्रभावित किया है।
प्रशासन अलर्ट पर
भारी बारिश को देखते हुए राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। नदियाँ उफान पर हैं और बांधों में पानी की मात्रा तेजी से बढ़ रही है।
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एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें तैनात
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निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है
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स्कूल और कॉलेज कई जिलों में बंद कर दिए गए हैं
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हाईवे और रेल यातायात बाधित
पर्यटन पर असर
लोनावला, खंडाला, माथेरान और महाबलेश्वर जैसे पर्यटन स्थलों पर भारी संख्या में पर्यटक फंसे हुए हैं। प्रशासन ने पर्यटकों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
यातायात पर संकट
लगातार हो रही बारिश के चलते कई जगह सड़कें जलमग्न हो गई हैं। मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक धीमा पड़ा है और लोनावला के पास भूस्खलन की वजह से अस्थायी रूप से मार्ग बंद करना पड़ा।
रेलवे ट्रैक पर भी पानी भर जाने से कई लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनें देर से चल रही हैं।
आम जनजीवन अस्त-व्यस्त
निचले इलाकों में पानी घुस जाने से लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं। गाँवों में बिजली आपूर्ति बाधित है और ग्रामीणों को पीने के पानी व खाने-पीने की सामग्री की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों के लिए यह बारिश दोधारी तलवार साबित हो रही है। जहां धान और सोयाबीन जैसी फसलों के लिए पानी फायदेमंद है, वहीं अत्यधिक बारिश से फसलों को नुकसान का खतरा बढ़ गया है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले 48 घंटों में भी महाराष्ट्र के कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश की संभावना जताई है। विशेषकर रायगढ़, पुणे, ठाणे, पालघर, नाशिक और कोल्हापुर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
स्थानीय लोगों की परेशानी
स्थानीय लोगों का कहना है कि इतनी तेज बारिश ने उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर गहरा असर डाला है। दुकानदारों का व्यापार ठप है, ऑफिस जाने वाले लोग घंटों ट्रैफिक जाम में फंसे रहते हैं और बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
सरकार की अपील
राज्य सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें। आपदा नियंत्रण कक्ष 24×7 सक्रिय हैं और हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र में हुई यह भारी बारिश प्राकृतिक आपदा का स्वरूप लेती जा रही है। तन्हीनी और लोनावला में हुई रिकॉर्ड बारिश ने लोगों को सचेत कर दिया है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और लोगों का सहयोग ही इस चुनौतीपूर्ण परिस्थिति से निपटने का सबसे बड़ा उपाय है।
मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए अगले कुछ दिन राज्य के लिए बेहद अहम साबित हो सकते हैं।