




मुंबई। भारत का सबसे चर्चित और लंबे समय तक चलने वाला कॉमेडी शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ (TMKOC) एक बार फिर चर्चा में है। इस बार वजह है शो में गोकुलधाम सोसाइटी में एक नए परिवार की एंट्री। जहां मेकर्स इस नए ट्विस्ट को ताजगी और नई कहानियों का हिस्सा बता रहे हैं, वहीं दर्शकों का एक बड़ा वर्ग इससे नाराज़ है। सोशल मीडिया पर ट्रोल्स और मीम्स की बाढ़ आ गई है। कुछ फैंस तो यहां तक कह रहे हैं कि अगर शो ऐसे ही चलता रहा तो इसे बंद कर देना चाहिए।
शो का नया ट्विस्ट:
पिछले हफ्ते प्रसारित एपिसोड में गोकुलधाम सोसाइटी में एक नया राजस्थानिया परिवार दिखाया गया। परिवार में पति-पत्नी और उनके दो बच्चे शामिल हैं। कहानी के अनुसार, यह परिवार जयपुर से मुंबई शिफ्ट हुआ है और गोकुलधाम सोसाइटी को अपना नया ठिकाना बनाया है।
मेकर्स का कहना है कि इस ट्विस्ट से शो की कहानी में नई ऊर्जा आएगी। साथ ही, दर्शकों को अलग संस्कृति और परंपराओं से जुड़ी मजेदार कहानियाँ देखने को मिलेंगी।
फैंस क्यों नाराज़ हुए?
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पुराने किरदारों की कमी महसूस – पिछले कुछ वर्षों से शो के कई अहम चेहरे जैसे दया बेन (दिशा वकानी), टप्पू (राज अनादकट), अंजली भाभी (नीहा मेहता) और अन्य कलाकार शो से बाहर हो चुके हैं। उनकी जगह नए कलाकारों को लाने से दर्शकों को कनेक्ट नहीं हो पा रहा।
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अनावश्यक बदलाव – फैंस का मानना है कि शो पहले से ही अपने पुराने आकर्षण को खो चुका है। ऐसे में नए परिवार को लाना बजाय पुरानी कहानियों को मजबूत करने के, दर्शकों को और दूर कर रहा है।
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सोशल मीडिया पर विरोध – ट्विटर (अब X) और इंस्टाग्राम पर हैशटैग #EndTMKOC और #BringBackOldTMKOC ट्रेंड कर रहे हैं। फैंस का कहना है कि शो अब मजेदार कॉमेडी के बजाय खींचतान और बेमतलब ट्विस्ट से भर गया है।
दर्शकों की प्रतिक्रियाएँ:
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एक यूज़र ने लिखा: “गोकुलधाम सोसाइटी अब हमारी पुरानी सोसाइटी नहीं रही। दया बेन और पुराने टप्पू को वापस लाओ।”
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दूसरे ने कहा: “शो ने मजा खो दिया है। नए परिवार को लाना कॉमेडी नहीं, मजबूरी लग रही है।”
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वहीं कुछ लोग अभी भी पॉजिटिव हैं और कह रहे हैं कि नए परिवार से शायद शो को नई दिशा मिले।
शो का इतिहास और लोकप्रियता
‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की शुरुआत 2008 में हुई थी। यह शो गुजराती लेखक तारक मेहता के कॉलम “दुनिया ने ऊंधा चश्मा” पर आधारित है।
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शो ने वर्षों तक भारतीय टीवी जगत में कॉमेडी की परिभाषा बदल दी।
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गोकुलधाम सोसाइटी के किरदार जैसे जेठालाल, दया बेन, भिड़े, बबीता जी और पोपटलाल हर घर के सदस्य जैसे बन गए।
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शो ने न केवल परिवारिक मनोरंजन दिया बल्कि सामाजिक मुद्दों को भी हल्के-फुल्के अंदाज में पेश किया।
लेकिन समय के साथ कई पुराने चेहरे शो छोड़ते गए और धीरे-धीरे दर्शकों का जुड़ाव भी कम होता गया।
मेकर्स का पक्ष
मेकर्स का कहना है कि दर्शकों की नाराजगी स्वाभाविक है क्योंकि वे पुराने किरदारों से लंबे समय तक जुड़े रहे हैं। लेकिन शो को लगातार नया बनाए रखने के लिए नए पात्रों का आना जरूरी है।
निर्माता असित कुमार मोदी ने हाल ही में कहा था:
“गोकुलधाम सोसाइटी भारत का मिनी इंडिया है। यहां हर संस्कृति और हर राज्य का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। नया परिवार उसी सोच का हिस्सा है।”
आगे क्या?
शो की टीआरपी पिछले कुछ महीनों में उतार-चढ़ाव देख रही है। मेकर्स को उम्मीद है कि नया परिवार दर्शकों को धीरे-धीरे पसंद आएगा और कहानियों में ताजगी लाएगा। लेकिन अगर सोशल मीडिया पर विरोध बढ़ता गया तो यह कदम शो के लिए जोखिम भरा साबित हो सकता है।
विशेषज्ञों की राय
टीवी समीक्षकों का कहना है कि लंबे समय से चलने वाले शोज़ में बदलाव जरूरी होते हैं, लेकिन दर्शकों की भावनाओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता।
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कुछ का मानना है कि TMKOC को अब ग्रेसफुल एंडिंग दे देनी चाहिए।
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वहीं, कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर मेकर्स सही स्क्रिप्ट और कॉमेडी पर ध्यान दें तो शो एक बार फिर पुरानी लोकप्रियता हासिल कर सकता है।
निष्कर्ष
‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ भारतीय टीवी का एक ऐतिहासिक शो है जिसने लाखों दर्शकों को सालों तक हंसाया है। लेकिन समय के साथ शो को लेकर दर्शकों की अपेक्षाएँ भी बदली हैं। नया परिवार और नए ट्विस्ट शो को नई दिशा देंगे या फिर यह फैंस की नाराजगी को और बढ़ा देंगे—यह आने वाले एपिसोड्स में साफ हो जाएगा।