




पासपोर्ट न केवल किसी देश के नागरिक की पहचान और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा का साधन होता है, बल्कि यह देश की कूटनीति और प्रशासनिक व्यवस्था की झलक भी प्रस्तुत करता है। भारत में अधिकांश लोग नीले रंग का पासपोर्ट रखते हैं, लेकिन इसके अलावा लाल और सफेद पासपोर्ट भी जारी किए जाते हैं, जो खास वर्ग के लोगों के लिए होते हैं। इन रंगों का महत्व केवल दिखावे तक सीमित नहीं है, बल्कि इनके पीछे गहरा संवैधानिक और कूटनीतिक महत्व है।
भारत में पासपोर्ट के तीन प्रमुख रंग
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा मुख्य रूप से तीन तरह के पासपोर्ट जारी किए जाते हैं: नीला, लाल और सफेद। प्रत्येक पासपोर्ट की पात्रता, महत्व और विशेषाधिकार अलग-अलग हैं।
1. नीला पासपोर्ट (Blue Passport – Ordinary Passport)
-
यह भारत का सबसे आम पासपोर्ट है।
-
इसे साधारण भारतीय नागरिकों को जारी किया जाता है, जो निजी या व्यावसायिक यात्रा के लिए विदेश जाना चाहते हैं।
-
इस पासपोर्ट को पाने के लिए सामान्य प्रक्रिया पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK) में आवेदन करना और आवश्यक दस्तावेज़ जमा करना होती है।
-
इस पासपोर्ट के धारक को विदेश यात्रा में वही अधिकार मिलते हैं जो आम नागरिकों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध हैं।
कौन रखता है?
व्यवसायी, विद्यार्थी, नौकरीपेशा लोग और आम नागरिक।
विशेषाधिकार:
कोई अतिरिक्त विशेषाधिकार नहीं, लेकिन यह अंतर्राष्ट्रीय पहचान के लिए पर्याप्त है।
2. लाल पासपोर्ट (Red Passport – Diplomatic Passport)
-
लाल पासपोर्ट सबसे शक्तिशाली और प्रतिष्ठित माना जाता है।
-
इसे भारतीय राजनयिकों, राजदूतों, उच्च-स्तरीय अधिकारियों और संसद सदस्यों को जारी किया जाता है।
-
इस पासपोर्ट का धारक कई देशों में वीजा मुक्त (Visa-free) या ऑन-अराइवल वीज़ा (Visa-on-arrival) सुविधा का लाभ उठा सकता है।
-
यह पासपोर्ट धारक की पहचान को भारत सरकार के आधिकारिक प्रतिनिधि के रूप में दर्शाता है।
कौन रखता है?
राजनयिक, उच्च-स्तरीय अधिकारी, संसद सदस्य और सरकारी प्रतिनिधि।
विशेषाधिकार:
-
वीजा की झंझट से मुक्ति
-
हवाई अड्डों और इमिग्रेशन पर विशेष सुविधाएँ
-
कई देशों में विशेष प्रोटोकॉल और सुरक्षा
3. सफेद पासपोर्ट (White Passport – Official Passport)
-
सफेद पासपोर्ट उन लोगों को जारी किया जाता है जो भारत सरकार के लिए आधिकारिक काम से विदेश यात्रा करते हैं।
-
इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को कामकाज के सिलसिले में त्वरित और सुगम यात्रा सुविधा प्रदान करना है।
-
सफेद पासपोर्ट धारकों को भी कुछ देशों में अतिरिक्त सुविधाएँ मिल सकती हैं, लेकिन यह लाल पासपोर्ट जितना शक्तिशाली नहीं होता।
कौन रखता है?
सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, और वे लोग जो सरकार के प्रतिनिधि के रूप में विदेश यात्रा कर रहे हों।
विशेषाधिकार:
-
आधिकारिक यात्राओं में आसानी
-
सरकारी प्रोटोकॉल के अनुसार त्वरित वीज़ा प्रोसेसिंग
कौन सा पासपोर्ट है सबसे शक्तिशाली?
स्पष्ट रूप से देखा जाए तो लाल पासपोर्ट (Diplomatic Passport) सबसे शक्तिशाली माना जाता है।
-
इसके धारक को सबसे अधिक अंतर्राष्ट्रीय सुविधाएँ मिलती हैं।
-
वीजा-मुक्त या ऑन-अराइवल वीज़ा सुविधा मिलने से अंतर्राष्ट्रीय यात्रा बेहद आसान हो जाती है।
-
इसके अलावा, यह पासपोर्ट धारक को आधिकारिक रूप से भारत सरकार का कूटनीतिक प्रतिनिधि घोषित करता है।
वहीं, सफेद पासपोर्ट भी महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका उपयोग केवल सरकारी कामकाज की सीमा तक है।
नीला पासपोर्ट, जो सबसे अधिक प्रचलित है, आम नागरिकों की पहचान है और इसे लेकर कोई विशेष सुविधा नहीं मिलती।
भारतीय पासपोर्ट की अंतर्राष्ट्रीय ताकत
हाल ही में जारी Henley Passport Index 2025 के अनुसार, भारतीय पासपोर्ट की रैंकिंग में सुधार हुआ है।
-
भारत का पासपोर्ट अब दुनिया के लगभग 65 देशों में वीज़ा-फ्री या ऑन-अराइवल वीज़ा की सुविधा देता है।
-
हालांकि यह जापान, सिंगापुर या जर्मनी जैसे देशों के पासपोर्ट जितना शक्तिशाली नहीं है, लेकिन लगातार इसमें सुधार देखने को मिल रहा है।
पासपोर्ट रंगों के पीछे का महत्व
पासपोर्ट का रंग केवल सजावट नहीं, बल्कि यह धारक की पदवी, पहचान और अधिकारों को दर्शाता है।
-
नीला पासपोर्ट — आम नागरिक की पहचान।
-
लाल पासपोर्ट — राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने वाले विशेष व्यक्तियों का प्रतीक।
-
सफेद पासपोर्ट — सरकारी काम से विदेश जाने वाले अधिकारियों की पहचान।
भारत के नीले, लाल और सफेद पासपोर्ट के रंग न केवल अलग-अलग अधिकार और विशेषाधिकार बताते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि नागरिक और सरकार के बीच जिम्मेदारियों का बंटवारा किस प्रकार किया गया है।
-
नीला पासपोर्ट साधारण नागरिकों का है।
-
लाल पासपोर्ट कूटनीति और शक्ति का प्रतीक है।
-
सफेद पासपोर्ट प्रशासनिक जिम्मेदारी का प्रतिनिधि है।
इस प्रकार, यह कहा जा सकता है कि पासपोर्ट केवल यात्रा का साधन नहीं, बल्कि यह देश की अंतर्राष्ट्रीय स्थिति, नागरिक की पहचान और सरकारी व्यवस्था का दर्पण भी है।