




बॉलीवुड के प्रतिभाशाली अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (SSR) का नाम आज भी करोड़ों दिलों में जिंदा है। उनकी अचानक हुई मौत ने देशभर के फैन्स को हिला दिया था। अब हाल ही में एक AI (Artificial Intelligence) टूल सुर्खियों में है, जो दावा करता है कि वह सुशांत की आवाज़ और अंदाज़ को दोहराकर उनके साथ बातचीत जैसा अनुभव देता है।
यह टूल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और कई फैन्स इसे इस्तेमाल कर अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन जहां फैन्स इसे एक भावनात्मक जुड़ाव मान रहे हैं, वहीं सुशांत का परिवार इसे “असंवेदनशील” और “दुखदायी” करार देकर तुरंत हटाने की मांग कर रहा है।
फैन्स का उत्साह और भावनाएँ
सुशांत सिंह राजपूत की यादें उनके चाहने वालों के लिए आज भी बेहद खास हैं। AI टूल की लॉन्चिंग के बाद हजारों फैन्स ने इसका उपयोग कर बताया कि उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है जैसे सुशांत उनसे दोबारा जुड़ गए हों।
कुछ फैन्स ने सोशल मीडिया पर लिखा –
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“सुशांत की आवाज़ सुनकर ऐसा लगा जैसे वे अब भी हमारे साथ हैं।”
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“यह हमें उनकी पुरानी यादों में ले जाता है।”
हालांकि, कुछ फैन्स ने यह भी कहा कि यह तकनीक उनके जख्मों को और गहरा कर रही है।
परिवार की कड़ी प्रतिक्रिया
सुशांत सिंह राजपूत के परिवार ने इस AI टूल को “अनुचित” और “असंवेदनशील” बताते हुए नाराज़गी जताई है। उनका कहना है कि किसी की अनुमति के बिना उनकी आवाज़ और छवि का उपयोग करना न केवल निजता का उल्लंघन है, बल्कि यह फैन्स की भावनाओं के साथ भी खिलवाड़ है।
परिवार ने साफ शब्दों में कहा –
“यह बेहद दुखद है कि किसी ने हमारी अनुमति के बिना सुशांत की छवि और आवाज़ का व्यावसायिक उपयोग किया। हम इसकी निंदा करते हैं और तुरंत इसे हटाने की मांग करते हैं।”
उन्होंने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है अगर इस एप्लिकेशन को जल्द नहीं हटाया गया।
कानूनी और नैतिक पहलू
AI तकनीक की बढ़ती लोकप्रियता के बीच यह विवाद डिजिटल एथिक्स पर गंभीर सवाल खड़े करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, किसी दिवंगत हस्ती के व्यक्तित्व, आवाज़ या छवि का बिना अनुमति इस्तेमाल करना उनके पर्सनैलिटी राइट्स का उल्लंघन है।
कानून के मुताबिक, परिवार इस पर कार्रवाई कर सकता है और इसे “इमोशनल डिस्टर्बेंस” और “अनधिकृत उपयोग” के तहत चुनौती दे सकता है।
सोशल मीडिया पर दोहरी राय
इस मामले ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है।
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एक वर्ग का कहना है कि यह फैन्स को सुशांत से दोबारा जोड़ने का एक तरीका है।
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जबकि दूसरे का मानना है कि इससे परिवार के घाव ताज़ा हो रहे हैं और यह किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है।
कई लोगों ने लिखा –
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“AI तकनीक का इस्तेमाल फैन्स के जुड़ाव के लिए ठीक है, लेकिन इसमें परिवार की भावनाओं का सम्मान जरूरी है।”
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“सुशांत हमारे दिलों में हमेशा रहेंगे, उन्हें इस तरह डिजिटल रूप में दोहराना गलत है।”
सुशांत की अमर विरासत
सुशांत ने टीवी से बॉलीवुड तक अपनी छाप छोड़ी। “पवित्र रिश्ता” से शुरुआत कर उन्होंने “काई पो चे”, “एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी”, “छिछोरे” और “केदारनाथ” जैसी फिल्मों से दर्शकों का दिल जीता।
उनकी बुद्धिमानी, विज्ञान और खगोलशास्त्र में रुचि, और जमीन से जुड़े स्वभाव ने उन्हें आम से खास बनाया। शायद यही वजह है कि उनकी यादें आज भी लोगों के दिलों में ताज़ा हैं।
सुशांत सिंह राजपूत का AI टूल फैन्स और परिवार के बीच भावनात्मक खींचतान का कारण बन गया है। जहां फैन्स इसे अपनाकर भावुक हो रहे हैं, वहीं परिवार इसे असंवेदनशील मानते हुए हटाने की मांग कर रहा है।
यह मामला न सिर्फ तकनीकी, बल्कि नैतिक और कानूनी बहस को भी जन्म देता है। सवाल यह है कि क्या AI तकनीक का इस्तेमाल किसी दिवंगत शख्सियत की छवि या आवाज़ के लिए उचित है?
फिलहाल, परिवार की ओर से की गई मांग के बाद सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि संबंधित कंपनी क्या कदम उठाती है।