




Economic Times World Leaders Forum 2025 का आयोजन आज एक ऐतिहासिक अवसर साबित हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की बदलती वैश्विक भूमिका, आर्थिक दृष्टिकोण और अंतरराष्ट्रीय रणनीतियों पर अपने विचार रखे। यह मंच न केवल भारत की आर्थिक नीतियों की दिशा को स्पष्ट करता है बल्कि वैश्विक नेतृत्व में देश की सशक्त भूमिका को भी उजागर करता है।
पीएम मोदी का संबोधन: भारत की आर्थिक और कूटनीतिक दृष्टि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत भारत के तेजी से बढ़ते आर्थिक परिदृश्य और डिजिटल क्रांति का उल्लेख करते हुए की। उन्होंने कहा:
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भारत अब केवल एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था नहीं है, बल्कि वैश्विक विकास में सक्रिय भागीदार है।
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सरकार ने “विजन 2047” के तहत भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में मजबूत आधार तैयार किया है।
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स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रम अब वैश्विक स्तर पर भी सफलता की मिसाल बन रहे हैं।
मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और हरित ऊर्जा की दिशा में दुनिया का नेतृत्व करने को तैयार है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर का दृष्टिकोण: बहुध्रुवीय दुनिया में भारत की भूमिका
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंच से भारत की विदेश नीति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि:
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वर्तमान विश्व व्यवस्था में भारत एक संतुलनकारी शक्ति के रूप में उभर रहा है।
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भारत ने G20 की अध्यक्षता के दौरान यह दिखाया कि कैसे विकासशील देशों की आवाज को वैश्विक मंच पर मजबूत किया जा सकता है।
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भारत का लक्ष्य केवल कूटनीतिक सहयोग बढ़ाना नहीं, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक पुल बनना भी है।
जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत अमेरिका, यूरोप, रूस और एशियाई देशों के साथ संतुलित संबंध बनाकर चल रहा है, जिससे बहुध्रुवीय विश्व का निर्माण संभव हो रहा है।
वैश्विक नेताओं और उद्यमियों की मौजूदगी
इस फोरम में दुनिया भर से कई प्रतिष्ठित नेता, उद्यमी और नीति निर्माता शामिल हुए। इनमें प्रमुख वैश्विक कंपनियों के CEO, अंतरराष्ट्रीय थिंक-टैंक और नीति विशेषज्ञ भी मौजूद थे। सभी ने भारत की आर्थिक प्रगति और निवेश के अवसरों की सराहना की।
भारत को अब केवल एक बड़ा बाजार ही नहीं, बल्कि नवाचार और तकनीकी केंद्र के रूप में देखा जा रहा है।
भारत की रणनीतिक प्राथमिकताएँ
इस आयोजन के दौरान भारत की कुछ प्रमुख रणनीतिक प्राथमिकताएँ भी सामने आईं:
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डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 5G और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में भारत की भूमिका।
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ग्रीन एनर्जी – सौर ऊर्जा और हाइड्रोजन मिशन के जरिए भारत की पर्यावरणीय जिम्मेदारी।
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वैश्विक व्यापार सहयोग – अमेरिका और यूरोप के साथ नए व्यापार समझौते की संभावनाएँ।
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भू-राजनीतिक संतुलन – एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत की अहमियत और इंडो-पैसिफिक रणनीति।
मंच से भारत का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर के संयुक्त संबोधन ने दुनिया को यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत केवल आर्थिक शक्ति नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार वैश्विक साझेदार भी है।
भारत का लक्ष्य है:
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शांति और सहयोग को बढ़ावा देना
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टिकाऊ विकास सुनिश्चित करना
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और दुनिया को एक साझा भविष्य की ओर ले जाना
Economic Times World Leaders Forum 2025 भारत की बदलती अंतरराष्ट्रीय पहचान का प्रतीक है। इस मंच से पीएम मोदी और एस. जयशंकर ने जो दृष्टि प्रस्तुत की, उसने भारत को एक भविष्य की वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित किया।
भारत की नीति अब केवल “आत्मनिर्भर भारत” तक सीमित नहीं है, बल्कि “वैश्विक साझेदारी और नेतृत्व” की दिशा में आगे बढ़ रही है।