




उत्तर प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा और देखभाल को ध्यान में रखते हुए लागू की गई ‘सवेरा योजना’ (Savera Yojana) अब लाखों बुजुर्गों के जीवन में रोशनी भर रही है। राज्य के पुलिस आपातकालीन सेवा UP-112 द्वारा संचालित इस योजना के अंतर्गत अब तक 16,52,709 वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित हो चुके हैं।
यह पहल न केवल सुरक्षा का अहसास कराती है, बल्कि बुजुर्गों को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जीने में भी मददगार साबित हो रही है।
योजना की शुरुआत क्यों हुई?
भारत की जनसंख्या में बुजुर्गों का अनुपात लगातार बढ़ रहा है। परिवारिक संरचना में बदलाव, बच्चों का शहरों में नौकरी के लिए जाना और अकेलेपन की समस्या के कारण वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा और देखभाल एक बड़ी चुनौती बन गई थी।
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अपराधी अक्सर बुजुर्गों को आसान निशाना बनाते हैं।
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कई मामलों में बुजुर्ग अपनी समस्याएँ किसी से साझा करने से हिचकिचाते हैं।
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उन्हें नियमित सहयोग और भरोसे की आवश्यकता होती है।
इन्हीं समस्याओं को देखते हुए यूपी पुलिस ने ‘सवेरा योजना’ की शुरुआत की।
योजना की मुख्य विशेषताएँ
1. पंजीकरण की सुविधा
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वरिष्ठ नागरिक UP-112 हेल्पलाइन या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
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पंजीकरण के बाद उनका विवरण संबंधित बीट पुलिस कर्मियों को उपलब्ध कराया जाता है।
2. नियमित संपर्क और सुरक्षा
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बीट पुलिस कर्मी पंजीकृत वरिष्ठ नागरिकों से समय-समय पर मुलाकात और संपर्क करते हैं।
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उनकी स्वास्थ्य, सुरक्षा और दैनिक आवश्यकताओं का हालचाल लेते हैं।
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किसी भी आपात स्थिति में तत्काल पुलिस सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
3. तकनीकी सहयोग
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‘सवेरा योजना’ को UP-112 कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है।
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जरूरत पड़ने पर बुजुर्ग सिर्फ एक कॉल से मदद प्राप्त कर सकते हैं।
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कुछ जिलों में मोबाइल ऐप और GPS आधारित सेवा भी शुरू की गई है।
4. सामाजिक सम्मान
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योजना के जरिए पुलिस और समाज के बीच भरोसे का रिश्ता मजबूत हुआ है।
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बुजुर्गों को यह महसूस कराया जाता है कि वे अकेले नहीं हैं और सरकार उनके साथ खड़ी है।
अब तक की उपलब्धियाँ
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16.5 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिक योजना से लाभान्वित।
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पुलिस कर्मियों की 1 करोड़ से अधिक मुलाकातें और संपर्क।
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हजारों मामलों में फौरन मदद और आपराधिक घटनाओं की रोकथाम।
योजना का दायरा लगातार बढ़ाया जा रहा है ताकि हर जिले और गाँव तक इसकी पहुँच सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा:
“वरिष्ठ नागरिक हमारे समाज की धरोहर हैं। उनकी सुरक्षा और सम्मान हमारी प्राथमिकता है। ‘सवेरा योजना’ उन्हें आत्मनिर्भर और सुरक्षित जीवन देने का माध्यम है। पुलिस अब केवल कानून-व्यवस्था की संरक्षक नहीं, बल्कि समाज की सहयोगी भी है।”
लाभार्थियों की राय
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कानपुर के 72 वर्षीय रमेश तिवारी कहते हैं – “सवेरा योजना से मुझे यह भरोसा है कि कोई भी समस्या होने पर पुलिस तुरंत मेरे दरवाजे पर मौजूद होगी।”
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लखनऊ की 68 वर्षीय उमा देवी बताती हैं – “बीट पुलिसकर्मी हर महीने हालचाल लेने आते हैं, जिससे सुरक्षा का अहसास होता है।”
विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
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सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह योजना अन्य राज्यों के लिए भी आदर्श है।
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कानून विशेषज्ञों के अनुसार, बुजुर्गों के अधिकारों और सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक ठोस कदम है।
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समाजशास्त्रियों का कहना है कि यह योजना बुजुर्गों के अकेलेपन की समस्या को भी कम करती है।
चुनौतियाँ और भविष्य
हालांकि योजना को लागू करने में कुछ चुनौतियाँ भी हैं –
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ग्रामीण इलाकों में तकनीकी साधनों की कमी।
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पंजीकरण प्रक्रिया में जागरूकता की कमी।
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कुछ स्थानों पर पर्याप्त पुलिसकर्मियों की तैनाती न होना।
सरकार का कहना है कि आने वाले समय में:
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हर जिले में सवेरा हेल्पडेस्क स्थापित किया जाएगा।
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योजना को डिजिटल और ऐप-आधारित सेवाओं से जोड़ा जाएगा।
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वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य और कानूनी सलाह सेवाएँ भी शुरू होंगी।
सामाजिक महत्व
‘सवेरा योजना’ ने यह संदेश दिया है कि समाज अपने बुजुर्गों के बिना अधूरा है।
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यह योजना न केवल सुरक्षा देती है, बल्कि मानसिक संतोष और सामाजिक सम्मान भी प्रदान करती है।
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बुजुर्गों को अब यह महसूस होता है कि वे समाज की मुख्यधारा का हिस्सा हैं।
यूपी-112 की ‘सवेरा योजना’ ने लाखों वरिष्ठ नागरिकों को नई आशा और आत्मविश्वास दिया है। यह योजना बुजुर्गों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।
यदि यह योजना और व्यापक स्तर पर लागू की गई तो यह न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान का आदर्श मॉडल बन सकती है।