




भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सोमवार को एक ताज़ा रिपोर्ट जारी करते हुए चेतावनी दी है कि देश के आधे से ज्यादा हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। इसमें झारखंड, गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड समेत कई पूर्वोत्तर राज्यों को रेड और ऑरेंज अलर्ट श्रेणी में रखा गया है। वहीं दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े महानगरों को भी अगले 48 घंटों के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
बारिश से बिगड़ सकता है जनजीवन
मौसम विभाग के अनुसार, कई राज्यों में मॉनसून की तीव्रता सामान्य से अधिक दर्ज की जा रही है। इससे जनजीवन पर व्यापक असर पड़ सकता है।
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निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बनने की संभावना है।
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कई जगहों पर सड़क और रेल यातायात बाधित हो सकता है।
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भारी बारिश से फसलों को नुकसान और ग्रामीण क्षेत्रों में मवेशियों के लिए खतरा बढ़ सकता है।
दिल्ली और मुंबई में खास अलर्ट
दिल्ली में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने राजधानी में भी अगले दो दिन भारी बारिश की संभावना जताई है। वहीं, मुंबई और उसके उपनगरों में रविवार रात से ही तेज़ बारिश का सिलसिला जारी है। सायन, कुर्ला और चेंबूर जैसे इलाकों में जलभराव की समस्या सामने आ चुकी है। मुंबई एयरपोर्ट पर कई फ्लाइट्स लेट हुईं और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
उत्तर और पूर्व भारत में हालात
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झारखंड और बिहार: निचले इलाकों में पानी भरने से ग्रामीण इलाकों में सामान्य जीवन प्रभावित हो सकता है।
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राजस्थान और गुजरात: रेगिस्तानी इलाकों में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बनने का खतरा है।
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उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश: पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन (Landslide) का खतरा सबसे ज्यादा है। पिछले वर्ष मानसून सीज़न में भारी बारिश से सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हुए थे।
पूर्वोत्तर भारत पर सबसे ज्यादा खतरा
पूर्वोत्तर के राज्य हमेशा से बाढ़ और भूस्खलन की मार झेलते रहे हैं। इस बार भी असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और मणिपुर में लगातार भारी बारिश की आशंका जताई गई है। असम सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्य के लिए SDRF और NDRF की टीमों को तैयार रहने का आदेश जारी किया है।
सरकार और प्रशासन की तैयारियां
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राज्यों की सरकारों को अलर्ट मोड पर काम करने को कहा गया है।
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निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की योजना बनाई जा रही है।
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रेलवे विभाग ने बारिश प्रभावित इलाकों में ट्रेनों की गति धीमी करने और ट्रैक की सुरक्षा जांच बढ़ाने का आदेश दिया है।
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स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को सतर्क रहने और आपातकालीन वार्ड तैयार रखने को कहा है।
किसानों और ग्रामीणों के लिए चुनौती
इस समय खरीफ की फसल खेतों में लहलहा रही है। भारी बारिश और जलभराव से धान, मक्का और दलहन जैसी फसलें प्रभावित हो सकती हैं। ग्रामीण इलाकों में फसलों को नुकसान से किसानों को आर्थिक हानि उठानी पड़ सकती है।
विशेषज्ञों की राय
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बार मॉनसून की सक्रियता एल-नीनो और वैश्विक जलवायु परिवर्तन से जुड़ी है। उनका कहना है कि देश को ऐसे हालातों से निपटने के लिए बेहतर आपदा प्रबंधन तंत्र विकसित करना होगा।
आम जनता के लिए सावधानियां
IMD ने लोगों को सतर्क रहने और गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है।
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बिजली उपकरणों और तारों से दूर रहें।
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जलभराव वाले इलाकों में वाहन न ले जाएं।
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पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और अचानक नदियों के जलस्तर बढ़ने से सतर्क रहें।
देश का आधा हिस्सा इस समय मॉनसून की तेज़ बारिश की चपेट में है। मौसम विभाग का अलर्ट बताता है कि आने वाले दिनों में और कठिनाइयाँ सामने आ सकती हैं। ऐसे में सरकार और प्रशासन को चुस्त रहना होगा और आम नागरिकों को भी सावधान रहकर इस संकट से सुरक्षित निकलना होगा।