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    Microsoft AI प्रमुख मुस्तफा सुलैमान का बयान — “बड़े पैमाने पर छंटनी नहीं, मेरी चिंता है लोग पीछे न छूट जाएँ”

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    कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) दुनिया भर में तेजी से बदलाव ला रही है। नई तकनीकें न सिर्फ़ कार्य करने के तरीकों को बदल रही हैं, बल्कि नौकरियों, उद्योगों और समाज पर गहरा प्रभाव डाल रही हैं। इस बीच, Microsoft AI के CEO मुस्तफा सुलैमान का एक अहम बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि AI के कारण बड़े पैमाने पर छंटनी (Mass Layoffs) की संभावना नहीं है। लेकिन उनकी सबसे बड़ी चिंता यह है कि इस तेज़ी से बदलते दौर में कई लोग पीछे न छूट जाएँ।

    सुलैमान का स्पष्ट संदेश

    मुस्तफा सुलैमान, जो पहले DeepMind और Inflection AI जैसी कंपनियों से जुड़े रहे हैं, अब Microsoft AI का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कहा:

    “AI कोई ऐसी लहर नहीं है जो सब कुछ बहा ले जाएगी। यह नौकरियों को खत्म करने वाली ताकत नहीं, बल्कि नौकरियों को बदलने वाली ताकत है। मेरा सबसे बड़ा डर छंटनी नहीं है, बल्कि यह है कि बहुत से लोग इस बदलाव की ट्रेन पकड़ने से चूक सकते हैं।”

    उन्होंने कहा कि AI इंसानों के काम को खत्म नहीं करेगा, बल्कि उनके काम को और प्रभावी बनाएगा। हाँ, काम करने का तरीका ज़रूर बदलेगा।

    AI से डर क्यों?

    पिछले कुछ सालों में लगातार यह आशंका जताई जाती रही है कि AI और ऑटोमेशन लाखों लोगों की नौकरियाँ छीन लेंगे। रिपोर्ट्स में यह भी दावा हुआ है कि रूटीन नौकरियाँ जैसे डेटा एंट्री, कॉल सेंटर सपोर्ट, और बेसिक एनालिटिक्स में बड़े बदलाव होंगे।

    लेकिन सुलैमान का कहना है कि तकनीकी क्रांति हमेशा से होती आई है। जैसे कंप्यूटर और इंटरनेट आने पर भी यही डर था, लेकिन बाद में लाखों नई नौकरियाँ बनीं। इसी तरह, AI भी नई संभावनाएँ और नए रोल तैयार करेगा।

    Microsoft की AI रणनीति

    Microsoft वर्तमान समय में AI पर सबसे अधिक निवेश करने वाली कंपनियों में से एक है।

    • कंपनी ने OpenAI (ChatGPT निर्माता) में अरबों डॉलर का निवेश किया है।

    • Microsoft 365 (Word, Excel, Outlook आदि) में Copilot जैसे AI टूल्स जोड़े गए हैं।

    • Azure क्लाउड प्लेटफ़ॉर्म पर AI आधारित सेवाओं का विस्तार किया गया है।

    इस रणनीति के पीछे विचार यह है कि AI को हर इंसान और हर कंपनी के लिए “सहायक तकनीक” के रूप में इस्तेमाल किया जाए, न कि “नौकरी खत्म करने वाली तकनीक” के रूप में।

    चिंता का असली कारण

    सुलैमान ने कहा कि उनकी चिंता यह है कि AI का इस्तेमाल करने के लिए डिजिटल स्किल्स की ज़रूरत होगी। जिनके पास तकनीकी ज्ञान होगा, वे आगे निकल जाएंगे, लेकिन जिनके पास यह स्किल नहीं होगी, वे पीछे रह सकते हैं।

    उन्होंने कहा कि सरकारों और कंपनियों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हर व्यक्ति को AI शिक्षा, ट्रेनिंग और रिस्किलिंग के अवसर दिए जाएँ।

    वैश्विक दृष्टिकोण

    दुनिया भर में AI को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं।

    • अमेरिका और यूरोप में लोग चिंतित हैं कि ऑटोमेशन से उनकी नौकरियाँ खतरे में पड़ सकती हैं।

    • भारत और चीन जैसे देशों में इसे अवसर के रूप में देखा जा रहा है, जहाँ युवा AI आधारित नौकरियों और स्टार्टअप्स में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

    सुलैमान का मानना है कि अगर AI को सही दिशा में इस्तेमाल किया गया, तो यह पूरी मानवता के लिए नई संभावनाओं का युग ला सकता है।

    AI का असर किन क्षेत्रों पर?

    AI से प्रभावित होने वाले और नए अवसर पैदा करने वाले क्षेत्र:

    1. प्रभावित क्षेत्र:
      • कस्टमर सपोर्ट

      • कंटेंट राइटिंग

      • बेसिक कोडिंग

      • डेटा प्रोसेसिंग

    2. नए अवसर:
      • AI ट्रेनिंग और डेवलपमेंट

      • मशीन लर्निंग इंजीनियरिंग

      • डेटा साइंस

      • AI आधारित बिज़नेस कंसल्टिंग

      • हेल्थकेयर और एजुकेशन में AI सपोर्ट

    Microsoft AI प्रमुख मुस्तफा सुलैमान का बयान इस बहस को नया मोड़ देता है। उनका कहना है कि AI को डरने की बजाय अपनाने और सीखने की ज़रूरत है। छंटनी का डर सही दिशा नहीं है, बल्कि असली चुनौती है — यह सुनिश्चित करना कि कोई पीछे न रह जाए

    यदि सरकारें, कंपनियाँ और शैक्षणिक संस्थान मिलकर लोगों को AI की शिक्षा और ट्रेनिंग देंगे, तो यह तकनीकी क्रांति रोजगार छीनने की जगह नई नौकरियाँ बनाने वाली ताकत साबित होगी।

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