




1. इंतजार खत्म, लेकिन निराशा बड़ी निकली
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 4 अगस्त से विराम पर है, और इस बीच दुलीप ट्रॉफी के लिए सब काफी उत्साहित थे—खासकर जब कुछ भारतीय घरेलू सितारों ने इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन किया था। लेकिन जब BCCI ने घोषणा की कि क्वार्टरफाइनल्स समेत दुलीप ट्रॉफी की लाइव स्ट्रीमिंग नहीं की जाएगी, तो फैन्स में भारी निराशा और गुस्सा उभर आया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर लोग काफ़ी नाराज़गी दिखा रहे हैं, उन्हें यह “शर्मनाक” और “बेइज़्ज़ती” जैसा लग रहा है। कुछ ने तो कहा: “यह तो गली क्रिकेट मैच भी लाइव होते हैं, लेकिन दुलीप ट्रॉफी नहीं?”
2. धुंधले नियमों और कवर की अनुपस्थिति
दुलीप ट्रॉफी, रणजी ट्रॉफी के बाद भारत का दूसरा सबसे प्रतिष्ठित प्रथम श्रेणी (First-Class) घरेलू टूर्नामेंट माना जाता है। इस बार यह टूर्नामेंट पुनः पारंपरिक ज़ोनल प्रारूप में आयोजित हो रहा है—उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, मध्य और उत्तर-पूर्व ज़ोन के बीच—जो BCCI के हालिया फैसलों में से एक है ।
पहले दो क्वार्टरफाइनल—दक्षिण/पूर्व और मध्य/उत्तर-पूर्व के मुकाबले—कई दिग्गज खिलाड़ियों की हिस्सेदारी वाले थे, जैसे मो. शमी, यश ढुल, अर्ज़दीप सिंह, कुलदीप यादव, राजत पटिदार और दीपक चाहर। इसके बावजूद, BCCI ने न तो किसी टीवी चैनल पर प्रसारण किया और न ही ऑनलाइन स्ट्रीमिंग की—जिससे घरेलू क्रिकेट की लोकप्रियता और पहुंच पर सवाल खड़े हो गए।
3. आक्रोश का सोशल मीडिया धमाका
फैन्स ने X पर जमकर अपना गुस्सा साझा किया। कुछ ने लिखा कि “यह निर्णय सारा उत्साह तोड़ रहा है।” किसी ने मज़ाकिया अंदाज़ में लिखा कि “गली क्रिकेट भी लाइव है, लेकिन दुलीप ट्रॉफी नहीं!” यह प्रतिक्रिया दर्शाती है कि आम दर्शक क्रिकेट के व्यापक कवरेज और पारदर्शी प्रसारण को कितना गंभीरता से लेते हैं।
4. टीवी और OTT पर दरकिनार—लेकिन विकल्प मौजूद
सूत्रों के अनुसार, इस टूर्नामेंट को Star Sports नेटवर्क टीवी पर प्रसारित किया जाएगा और JioHotstar ऐप व वेबसाइट पर लाइव स्ट्रीम उपलब्ध होगी । यह जानकारी उत्साहित दर्शकों के लिए राहत की बात हो सकती है, लेकिन तब तक सोशल मीडिया पर नाराज़गी का माहौल बनने से कोई रोक नहीं पाया।
5. टूर्नामेंट की मजबूती और महत्व
दुलीप ट्रॉफी की 2025-26 श्रृंखला 28 अगस्त से 15 सितंबर तक आयोजित होती है और इसमें कुल छह ज़ोनल टीमें—Central, East, North, North-East, South और West—भाग ले रही हैं । यह आयोजन खिलाड़ियों को राष्ट्रीय चयन में अपनी दावेदारी पेश करने का महत्त्वपूर्ण मंच प्रदान करता है।
6. फैंस के सवाल और BCCI की रणनीति
फैन्स का मानना है कि यदि BCCI ने टीवी और ऑनलाइन माध्यम से यह टूर्नामेंट प्रसारित किया होता तो घरेलू क्रिकेट को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़ावा मिलता, खासकर जब अंतरराष्ट्रीय सीरीज फिलहाल नहीं चल रही। इस फैसले ने घरेलू क्रिकेट की पहुंच और महत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सारांश तालिका
विषय | विवरण |
---|---|
लाइव कवरेज ना होना | फैंस में भारी गुस्सा और आक्रोश |
प्रसारण विकल्प | Star Sports (TV) और JioHotstar (OTT) सुनिश्चित |
टूर्नामेंट प्रारूप | पारंपरिक ज़ोनल प्रारूप, कुल 6 टीमें |
खंडों का महत्व | घरेलू खिलाड़ियों को पहचान और राष्ट्रीय चयन का मौका |
फैंस का प्रश्न | क्यों गली क्रिकेट एक्चुअली लाइव होता है, किंतु यह नहीं? |
7. खिलाड़ियों पर प्रभाव
दुलीप ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट घरेलू खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय चयन में अपनी जगह बनाने का अहम मंच होता है। जब लाइव कवरेज नहीं होता, तो यह खिलाड़ियों की मेहनत और प्रदर्शन की व्यापक दर्शकों तक पहुँच को सीमित कर देता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह न केवल फैंस बल्कि खिलाड़ियों के लिए भी “अन्याय” जैसा है।
8. राजस्व और स्पॉन्सरशिप का सवाल
लाइव प्रसारण और स्ट्रीमिंग की अनुपस्थिति से टूर्नामेंट की ब्रांड वैल्यू और स्पॉन्सरशिप पर सीधा असर पड़ता है। यदि BCCI हर टूर्नामेंट का पेशेवर प्रसारण करे तो घरेलू क्रिकेट भी एक बड़ा राजस्व स्रोत बन सकता है, जैसा कि IPL ने कर दिखाया है।
9. युवा दर्शकों की निराशा
आज का युवा क्रिकेट मुख्यतः मोबाइल और OTT पर देखता है। इस पीढ़ी के लिए दुलीप ट्रॉफी का प्रसारण न होना एक बड़ा झटका है, क्योंकि यह वही दर्शक वर्ग है जो भविष्य में घरेलू क्रिकेट की रीढ़ बन सकता है।
10. तुलना विदेशी बोर्ड्स से
इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका जैसे देशों में घरेलू टूर्नामेंट्स का पेशेवर स्तर पर कवरेज किया जाता है। भारत जैसे क्रिकेट-प्रेमी देश में, जहां दर्शकों का पैशन सबसे ज्यादा है, वहां पर दुलीप ट्रॉफी जैसे बड़े घरेलू टूर्नामेंट का प्रसारण न होना “काफी असंगत” माना जा रहा है।
निष्कर्ष
दुलीप ट्रॉफी जैसे प्रमाणिक घरेलू टूर्नामेंट के लिए लाइव कवरेज का अभाव भारतीय क्रिकेट फैंस से BCCI को और जुड़ाव तोड़ने जैसा कदम माना जा रहा है। सोशल मीडिया की प्रतिक्रियाएं दर्शाती हैं कि क्रिकेट प्रेमी अब सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मैचों तक ही सीमित नहीं रहना चाहते—they demand access to domestic stalwarts as well.
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