




प्रस्तावित बदलाव: वीज़ा अवधि में इज़ाफ़ा और उसके नियम
अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने हाल ही में एक नया नियम प्रस्तावित किया है, जो विदेशी छात्रों (F-वीज़ा), सांस्कृतिक विनिमय कार्यकर्ताओं (J-वीज़ा), और विदेशी मीडिया कर्मियों (I-वीज़ा) की वीज़ा अवधि को सीमित कर देगा। इस प्रस्ताव के अनुसार:
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विदेशी छात्र और विनिमय विज़िटर्स के वीज़ा अब केवल चार वर्षों तक ही मान्य होंगे।
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विदेशी पत्रकार (I-वीज़ा) की वीज़ा अवधि 240 दिनों तक सीमित होगी; चीनी नागरिकों के लिए यह अवधि और भी कम—90 दिन तक होगी।
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वीज़ा समाप्ति के बाद, इच्छुक व्यक्ति को अमेरिका में बने रहने के लिए नया आवेदन (extension) करना होगा। यह लचीलापन समाप्त कर दिया गया है।
DHS का कहना है कि यह कदम विदेशी वीज़ा धारकों पर बेहतर निगरानी और नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए है। देश में वीज़ा का उपयोग लंबे समय तक बने रहने या सिस्टम के दुरुपयोग की आशंका को ख़त्म करने के मकसद से यह पहल लाई गई है
प्रस्तावित नीति के प्रभाव और प्रतिक्रिया
1. स्थायित्व में कमी और पुनः आवेदन की अनिवार्यता
पहले विदेशी छात्र अमेरिका में अपनी शिक्षा की अवधि के दौरान वीज़ा की वैधता बनाए रख सकते थे—जब तक उनका SEVIS और I-20 दस्तावेज़ वैध था। अब उन्हें चार वर्षों के बाद ऐसा करना संभव नहीं रहेगा; हर बार नए आवेदन और अतिरिक्त औपचारिकताएँ पूरी करनी होंगी।
2. शैक्षणिक और रोजगार संबंधी प्रभाव
इस नीति के प्रभाव से पोस्टग्रेजुएट रोजगार—विशेषकर OPT (Optional Practical Training)—पर असर पड़ेगा। कई छात्र अभी OPT का उपयोग कर H-1B वीज़ा आवेदन करते हैं, लेकिन अब समय सीमित हो जाने से यह रास्ता कठिन हो सकता है।
3. अमेरिकी शिक्षा संस्थानों पर प्रभाव
अमेरिका में विदेशी छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ी है—2024 में लगभग 1.6 मिलियन F-वीज़ा छात्र, 355,000 विनिमय विज़िटर, और 13,000 मीडिया वीज़ा धारक थे| इन परिदृश्यों में नीति परिवर्तन से दाखिले, शोध और फीस में भारी गिरावट आ सकती है, जिससे कॉलेजों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
4. 2020 में वापसी जैसा प्रयास
यह योजना 2020 में ट्रम्प पहली बार राष्ट्रपति रहते समय प्रस्तावित की गई थी, लेकिन बिडेन प्रशासन ने उसे 2021 में वापस ले लिया था। अब उसी योजना को फिर से लाया जा रहा है—यह नीति का दोबारा प्रयास माना जा रहा है ।
5. लोकतंत्रिक प्रतिक्रिया और सार्वजनिक टिप्पणियाँ
इस प्रस्ताव पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया देने के लिए 30 दिनों की टिप्पणी अवधि रखी गई है। NAFSA जैसे अंतरराष्ट्रीय शिक्षा समूह इसकी पुरजोर आलोचना कर चुके हैं और प्रस्ताव को वापस लेने की अपील कर चुके हैं।
व्यापक पृष्ठभूमि: ट्रम्प प्रशासन की ठोस प्रवासन नीति
यह वीज़ा प्रस्ताव एक बड़े प्रवासन नीतिगत ढांचे का हिस्सा है:
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ट्रम्प प्रशासन ने कानूनी या अवैध प्रवासन दोनों में कड़ी निगरानी बढ़ाई है—विद्यार्थियों के वीज़ा रद्द किए गए, ग्रीन कार्ड तक हटाया गया है।
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USCIS ने नागरिकता आवेदनकर्ताओं के निवास क्षेत्र की निगरानी पुनः शुरू की है तथा आवेदकों की “आदर्श अमेरिकी दृष्टिकोण” जांचने की कोशिश की है ।
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इसके अतिरिक्त, ट्रम्प ने चीनी छात्रों को शामिल करते हुए भी एक विचित्र नीति पलटा दिखाया है—उनके बयान के अनुसार, अमेरिका में 600,000 चीनी छात्रों का प्रवेश स्वागत योग्य है, जो पहले की कठोर नीति से एक ज़बरदस्त उलट निर्णय है |
निष्कर्ष: एक चुनौतीपूर्ण मोड़ शिक्षा और वैश्विक अवसंरचना में
संक्षेप में:
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यह नीति विद्यार्थी, शोधार्थी, और मीडिया कर्मियों के लिए अमेरिका में रहने की अवधि को सख़्त रूप में नियंत्रित करती है।
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जिससे उन्हें हर चार साल बाद or की समय सीमा समाप्त होने पर visa extension के लिए आवेदन करना पड़ेगा।
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अमेरिकी विश्वविद्यालय, विशेषकर वे जो विदेशी छात्रों पर निर्भर करते हैं, उन्हें वित्तीय और अकादमिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
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यह नीति वैश्विक प्रतिस्पर्धा और अमेरिकी शिक्षा प्रणाली की खोलनी वाली ग्लोबली अपील को भी प्रभावित कर सकती है।
विदेशी छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए यह प्रस्ताव एक बड़ा अनिश्चितता का स्रोत है। आगे क्या होगा—यह इस पैरवी, सार्वजनिक टिप्पणियों, और कोर्ट के निर्णयों पर निर्भर करेगा।
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