




सोने-चांदी के भाव में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। आज घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है, जबकि चांदी का भाव भी नीचे आया है। त्योहारी सीजन करीब होने के बावजूद दामों में गिरावट से निवेशकों और खरीदारों को राहत मिली है।
भारत में सोना केवल एक आभूषण ही नहीं बल्कि सुरक्षित निवेश और परंपरा का प्रतीक माना जाता है। यही कारण है कि इसके दामों में उतार-चढ़ाव का असर सीधे आम लोगों पर पड़ता है।
आज के सोने के दाम (Gold Price Today)
आज देशभर के प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें इस प्रकार दर्ज की गईं:
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24 कैरेट सोना (10 ग्राम): ₹63,800
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22 कैरेट सोना (10 ग्राम): ₹58,500
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18 कैरेट सोना (10 ग्राम): ₹47,900
सोने की कीमतों में यह गिरावट अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण देखी जा रही है।
आज की चांदी का भाव (Silver Price Today)
चांदी की कीमत भी आज नरम हुई है।
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चांदी (1 किलोग्राम): ₹75,200
पिछले सप्ताह की तुलना में यह लगभग ₹500 प्रति किलो सस्ती हुई है।
सोने की कीमतों पर असर डालने वाले कारक
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अंतरराष्ट्रीय बाजार – अमेरिका और यूरोप में ब्याज दरों को लेकर सेंट्रल बैंकों की नीतियों का सीधा असर सोने की कीमत पर पड़ता है।
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डॉलर इंडेक्स – डॉलर की मजबूती से सोना महंगा हो जाता है। आज डॉलर इंडेक्स मजबूत होने से सोने पर दबाव आया।
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कच्चा तेल – तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव महंगाई बढ़ाता है और इसका असर कीमती धातुओं पर भी पड़ता है।
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स्थानीय मांग – भारत में शादी-ब्याह और त्योहारों के समय सोने की मांग बढ़ने पर दाम ऊपर जाते हैं।
निवेशकों और खरीदारों के लिए लाभ
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आज की गिरावट उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है जो शादी या निवेश के लिए सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं।
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विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय के लिए सोने में निवेश हमेशा सुरक्षित रहता है क्योंकि यह मुद्रास्फीति और आर्थिक संकटों से बचाव करता है।
हाल के दिनों का रुझान
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अगस्त के अंतिम सप्ताह में सोने का भाव 64,200 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया था।
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वहीं, सितंबर की शुरुआत में इसमें लगभग 400 रुपये की गिरावट देखी गई।
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चांदी ने भी पिछले महीने 77,000 रुपये प्रति किलो का स्तर छुआ था, जो अब घटकर 75,200 रुपये हो गया है।
RBI और सरकार की भूमिका
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने भी हाल ही में अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा बढ़ाया है। इससे संकेत मिलता है कि दीर्घकाल में सोना अभी भी सुरक्षित निवेश विकल्प बना रहेगा।
सरकार भी गोल्ड बॉन्ड स्कीम जैसी योजनाओं के माध्यम से निवेशकों को भौतिक सोने की बजाय कागजी सोने में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
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कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले हफ्तों में सोने के दाम फिर से ऊपर जा सकते हैं, क्योंकि फेस्टिव सीजन में मांग बढ़ना तय है।
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शेयर बाजार विश्लेषक मानते हैं कि अगर अमेरिकी फेडरल रिज़र्व ब्याज दरें स्थिर रखता है तो सोने में तेजी लौट सकती है।
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ज्वैलरी व्यापारी भी मानते हैं कि फिलहाल दाम गिरने से ग्राहकों की खरीदारी बढ़ेगी।
आज सोने और चांदी की कीमतों में आई गिरावट आम ग्राहकों और निवेशकों के लिए बेहतरीन अवसर है। आने वाले महीनों में, खासकर नवरात्रि और दीवाली जैसे बड़े त्योहारों के दौरान, मांग में बढ़ोतरी से दाम फिर चढ़ सकते हैं।
जो लोग निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए सलाह है कि गिरावट का फायदा उठाकर सोने-चांदी में निवेश करें, क्योंकि लंबी अवधि में इनकी वैल्यू हमेशा मजबूत रहती है।