




भारत में आज शिक्षक दिवस पूरे उत्साह और सम्मान के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि शिक्षक ही समाज और राष्ट्र के उज्जवल भविष्य की मजबूत नींव रखते हैं। उन्होंने अपने संदेश में शिक्षकों को न केवल ज्ञान प्रदाता बल्कि राष्ट्रनिर्माता बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ और एक विशेष संदेश के माध्यम से कहा—
“शिक्षक हमारे जीवन में प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत हैं। वे न केवल ज्ञान देते हैं बल्कि मूल्यों और आदर्शों की शिक्षा भी देते हैं। शिक्षकों के मार्गदर्शन से ही छात्र अपने सपनों को साकार कर पाते हैं और राष्ट्र की प्रगति में योगदान करते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन को सही दिशा देने की कला है, जिसे हमारे शिक्षक हमें सिखाते हैं।
हर साल 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन महान दार्शनिक, विद्वान और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को समर्पित है। उन्होंने शिक्षा को समाज की सबसे बड़ी ताकत बताया और हमेशा शिक्षकों की भूमिका को सर्वोपरि माना।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में राधाकृष्णन जी को भी श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनके विचार आज भी नई पीढ़ी को दिशा देते हैं।
आज देशभर के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षक दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। छात्र-छात्राओं ने नाटक, भाषण, कविताएं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के जरिए अपने शिक्षकों को धन्यवाद कहा।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित विशेष समारोह में शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। यह पुरस्कार उन अध्यापकों को दिया जाता है, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्ट कार्य किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में यह भी उल्लेख किया कि आज शिक्षा का क्षेत्र तेजी से बदल रहा है। डिजिटल लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नई शिक्षा नीति (NEP 2020) ने शिक्षण के स्वरूप को नया आयाम दिया है।
उन्होंने कहा—
“शिक्षक नई पीढ़ी को न सिर्फ पढ़ाते हैं बल्कि उन्हें तकनीकी बदलावों के लिए तैयार भी करते हैं। यही कारण है कि शिक्षक आज केवल ‘गुरु’ ही नहीं बल्कि मार्गदर्शक और मेंटॉर भी हैं।”
मोदी ने अपने संदेश में कहा कि भारत के इतिहास और संस्कृति में शिक्षक को हमेशा से सर्वोच्च स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा—
“गुरु बिना ज्ञान का मार्ग अधूरा है। गुरु हमें केवल पढ़ाते नहीं बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं। आज का दिन हमें यह याद दिलाता है कि हर सफल नागरिक के पीछे किसी न किसी शिक्षक की प्रेरणा और मेहनत होती है।”
प्रधानमंत्री ने उन शिक्षकों का भी विशेष रूप से उल्लेख किया जो कठिन परिस्थितियों में भी छात्रों तक शिक्षा की रोशनी पहुंचा रहे हैं, चाहे वे ग्रामीण इलाके हों या सीमावर्ती क्षेत्र।
शिक्षक दिवस पर पीएम मोदी ने युवाओं से भी अपील की कि वे अपने शिक्षकों का सम्मान करें और उनके बताए मार्ग पर चलकर समाज और राष्ट्र को बेहतर बनाने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य कक्षाओं में गढ़ा जाता है और शिक्षक ही उस भविष्य के निर्माता हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संदेश इस बात को और मजबूत करता है कि शिक्षा और शिक्षक दोनों ही किसी भी राष्ट्र की प्रगति की सबसे मजबूत नींव हैं।
आज जब देश तकनीकी बदलावों और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दौर से गुजर रहा है, तो शिक्षकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। शिक्षक दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमें न केवल अपने गुरुओं का सम्मान करना चाहिए, बल्कि शिक्षा को और सुलभ, आधुनिक और मूल्यपरक बनाने का संकल्प भी लेना चाहिए।