




नाशिक नगर निगम चुनाव की तैयारियों के बीच, आज नगर निगम मुख्यालय में प्रस्तावित वार्ड सीमांकन पर सुनवाई आयोजित की गई। इस सुनवाई में कुल 91 आपत्तियों पर चर्चा की गई, जो विभिन्न वार्डों के सीमांकन से संबंधित थीं। अधिकारियों ने कहा कि यह सुनवाई वार्डों की सीमाओं को अंतिम रूप देने और चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
आपत्तियों में प्रमुख रूप से शामिल थे। कुछ वार्डों की सीमा को लेकर स्थानीय निवासियों और राजनैतिक दलों के आपत्ति दर्ज करना, निवासियों का दावा कि उनके वार्ड को अन्य वार्ड में शामिल कर दिया गया है, मतदान केंद्रों की दूरी और पहुंच में सुधार के लिए सुधार की मांग। विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रक्रिया लोकतंत्र की मजबूती और नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।
वार्ड सीमांकन सुनवाई का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वार्डों की सीमा निष्पक्ष और समान रूप से विभाजित हो, नागरिकों की संख्या और भौगोलिक स्थिति के आधार पर निर्णय लिया जाए, चुनाव प्रक्रिया में कोई अनावश्यक विवाद या असमानता न रहे। इस प्रक्रिया से चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित होती है।
सुनवाई में नगर निगम अधिकारी, चुनाव आयोग के प्रतिनिधि, स्थानीय राजनीतिक दल और नागरिक उपस्थित थे। अधिकारियों ने सभी आपत्तियों का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया और निवासियों की शिकायतों का समाधान खोजने का प्रयास किया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा:
“वार्ड सीमांकन प्रक्रिया केवल तकनीकी कार्य नहीं है, बल्कि यह स्थानीय लोकतंत्र और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा का हिस्सा है। सभी आपत्तियों को गंभीरता से लिया जा रहा है।”
वार्ड सीमांकन की प्रक्रिया नाशिक नगर निगम चुनाव 2025 की तैयारी का एक महत्वपूर्ण चरण है। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद मतदान सूची को अपडेट किया जाएगा, मतदान केंद्रों और संसाधनों का निर्धारण किया जाएगा, उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को चुनाव अभियान के लिए मार्गदर्शन मिलेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि वार्ड सीमांकन की पारदर्शिता चुनाव में नागरिकों के विश्वास को बढ़ाती है और मतदान प्रक्रिया को मजबूत बनाती है।
स्थानीय नागरिकों ने कहा कि सुनवाई की प्रक्रिया उचित और पारदर्शी होनी चाहिए। कई निवासियों ने अपने वार्ड की सीमा और मतदान केंद्रों की दूरी में सुधार की मांग की। कुछ नागरिकों ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन उनकी समस्याओं का समाधान करेगा और चुनाव में कोई असमानता नहीं होगी।
सुनवाई के बाद अधिकारियों ने बताया कि सभी आपत्तियों का विश्लेषण और मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद अंतिम वार्ड सीमांकन को अधिकारिक रूप से घोषित किया जाएगा, चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम और तिथियाँ जारी की जाएंगी, नगर निगम चुनाव के लिए सभी तैयारियाँ पूरी की जाएंगी
विशेषज्ञों का कहना है कि यह सुनवाई प्रक्रिया न केवल स्थानीय प्रशासन की पारदर्शिता को दिखाती है, बल्कि नागरिकों की भागीदारी को भी प्रोत्साहित करती है।
नाशिक नगर निगम के वार्ड सीमांकन पर आज हुई सुनवाई लोकतांत्रिक प्रक्रिया और चुनाव की निष्पक्षता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। 91 आपत्तियों पर विचार करने के बाद, नगर निगम आगामी चुनावों के लिए सटीक और निष्पक्ष वार्ड सीमांकन को अंतिम रूप देगा। यह कदम न केवल प्रशासनिक दृष्टि से आवश्यक है, बल्कि स्थानीय नागरिकों और राजनीतिक दलों के लिए भी चुनाव की तैयारी में मार्गदर्शन प्रदान करेगा।