




बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान ने हाल ही में अपने करियर और निजी अनुभवों को लेकर बड़ा खुलासा किया है। आमिर ने बताया कि वे शुरू में कभी भी फिल्म प्रोड्यूसर नहीं बनना चाहते थे और इसके पीछे उनके पिता ताहिर हुसैन का संघर्ष और अनुभव बड़ी वजह था।
🔹 पिता के संघर्ष का असर
-
आमिर खान ने कहा कि उनके पिता ताहिर हुसैन ने बतौर फिल्म प्रोड्यूसर काफी मुश्किलें झेली थीं।
-
उन्होंने प्रोडक्शन हाउस चलाया, लेकिन अक्सर पैसों की कमी और कर्ज जैसी समस्याओं से जूझना पड़ा।
-
आमिर के मुताबिक, “मैंने देखा कि मेरे पिता को किस तरह परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसी कारण मैंने सोचा था कि कभी प्रोड्यूसर नहीं बनूंगा।”
🔹 एक्टिंग पर फोकस
आमिर खान का कहना है कि उनका पूरा ध्यान हमेशा एक्टिंग और कहानी कहने की कला पर रहा। वे सिर्फ अच्छे किरदारों और सिनेमा को लेकर जुनूनी थे।
-
उनका मानना है कि प्रोड्यूसर बनने के लिए सिर्फ पैशन ही नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर आर्थिक और मैनेजमेंट स्किल्स भी चाहिए।
-
इसीलिए उन्होंने शुरूआती दौर में इस रास्ते से खुद को दूर रखा।
🔹 आमिर का प्रोडक्शन हाउस
हालांकि बाद में आमिर खान ने Aamir Khan Productions शुरू किया और ‘लगान’, ‘तारे ज़मीन पर’, ‘धोबी घाट’, ‘दंगल’ जैसी फिल्में दीं।
-
इन फिल्मों ने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड बनाए बल्कि कंटेंट ड्रिवन सिनेमा की दिशा भी तय की।
-
आमिर मानते हैं कि जब उन्होंने प्रोडक्शन की जिम्मेदारी संभाली तो उनकी कोशिश हमेशा अपने पिता से सीखे सबक को ध्यान में रखने की रही।
🔹 भावुक खुलासा
आमिर ने यह भी कहा कि अगर उनके पिता ताहिर हुसैन आज ज़िंदा होते तो उन्हें गर्व होता कि उनका बेटा भी प्रोड्यूसर बना और उसने इस सफर में संघर्ष को जीत में बदला।
आमिर खान का यह खुलासा बताता है कि कैसे पिता के संघर्षों ने उनके करियर को दिशा दी। उन्होंने एक्टिंग को अपनी प्राथमिकता बनाई लेकिन जब प्रोड्यूसर बने तो भारतीय सिनेमा को कई यादगार फिल्में दीं।