




संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में भारत ने पाकिस्तान पर तीखा प्रहार किया। भारत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान एक “फेल्ड स्टेट” (Failed State) है, जो सिर्फ अस्थिरता और बाहरी मदद (Handouts) के दम पर जिंदा है।
विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि ने कड़े लहजे में कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा से आतंकवाद को बढ़ावा दिया है और पड़ोसी देशों में दखल देकर अस्थिरता फैलाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद का शासन अपने ही नागरिकों को बुनियादी अधिकार और विकास देने में पूरी तरह विफल रहा है।
भारत ने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान का झूठा प्रचार और भारत-विरोधी बयानबाज़ी उसकी नाकामी को छिपाने का प्रयास है। “पाकिस्तान को दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपने घर की हालत देखनी चाहिए। वहां की सरकार अर्थव्यवस्था और समाज दोनों स्तर पर ध्वस्त हो चुकी है।”
🔹 पाकिस्तान की नीतियों पर भारत का आरोप
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पाकिस्तान आतंकवाद को राज्य नीति के रूप में इस्तेमाल करता रहा है।
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उसके यहां आर्थिक संकट इतना गहरा है कि IMF और अन्य देशों की मदद के बिना जीना मुश्किल है।
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पाकिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं।
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भारत ने कहा कि पाकिस्तान की “भारत पर झूठे आरोप लगाने की आदत” अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उजागर हो चुकी है।
🔹 वैश्विक प्रतिक्रिया
भारत के इस बयान को कई देशों ने समर्थन दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत ने UNHRC जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच से पाकिस्तान की दोहरी नीति और पाखंड को उजागर कर दिया है। वहीं, पाकिस्तान ने हमेशा की तरह भारत के खिलाफ बयान देकर अपने रुख को बचाने की कोशिश की, लेकिन ठोस तथ्यों के सामने उसकी दलील कमजोर पड़ गई।
भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही कड़वाहट अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी खुलकर सामने आ रही है। भारत का यह बयान पाकिस्तान की नीतियों पर गहरा सवाल उठाता है और यह स्पष्ट करता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इस्लामाबाद की छवि लगातार खराब होती जा रही है।