




भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से लंबित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर अब बातचीत तेज हो गई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को जानकारी दी कि भारत अमेरिका के साथ एक सक्रिय संवाद (Active Dialogue) में है और इस दिशा में ठोस प्रगति की उम्मीद की जा रही है।
🔹 गोयल का बयान
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गोयल ने कहा कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा और भरोसेमंद व्यापारिक साझेदार है।
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उन्होंने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच शुल्क (tariff), मार्केट एक्सेस, और सर्विस सेक्टर जैसे मुद्दों पर लगातार वार्ता चल रही है।
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मंत्री ने भरोसा जताया कि आने वाले महीनों में इस पर ठोस नतीजे सामने आ सकते हैं।
🔹 भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्ते
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वर्ष 2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच 200 अरब डॉलर से अधिक का द्विपक्षीय व्यापार दर्ज हुआ।
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अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, जबकि भारत अमेरिका के लिए एशिया का एक अहम रणनीतिक सहयोगी है।
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हाल के वर्षों में डिजिटल इकोनॉमी, रक्षा, ऊर्जा और सेमीकंडक्टर सेक्टर में दोनों देशों का सहयोग और गहरा हुआ है।
🔹 चुनौतियाँ भी मौजूद
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भारत अमेरिका से विसा नियमों में राहत और IT सेवाओं को ज्यादा अवसर देने की मांग कर रहा है।
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वहीं, अमेरिका चाहता है कि भारत अपने कृषि और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को और अधिक ओपन करे।
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शुल्क दरें और बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) अब भी बड़े विवाद के मुद्दे बने हुए हैं।
🔹 रणनीतिक महत्व
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत-अमेरिका FTA पर सहमति बनती है तो यह न सिर्फ व्यापार बल्कि रणनीतिक साझेदारी को भी नई ऊंचाई देगा।
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यह समझौता भारत को यूरोप और एशिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ और मजबूत स्थिति में खड़ा करेगा।
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वहीं, अमेरिका के लिए भारत एक बड़ा काउंटर-बैलेंस होगा, खासकर चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए।
भारत और अमेरिका के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत भले ही चुनौतीपूर्ण हो, लेकिन दोनों देशों की साझी रणनीतिक और आर्थिक प्राथमिकताएं इसे आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। आने वाले महीनों में इस दिशा में बड़े फैसलों की संभावना है।