




राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने एक बड़े फैसले में पाकिस्तानी राजनयिक को समन जारी किया है। यह कार्रवाई चेन्नई में पकड़े गए नकली भारतीय मुद्रा (Fake Indian Currency Notes – FICN) मामले से जुड़ी है। माना जा रहा है कि इस मामले में पाकिस्तान स्थित नेटवर्क की भूमिका रही है, जिसकी जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुँच गई है।
🔹 मामला क्या है?
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कुछ समय पहले चेन्नई एयरपोर्ट पर बड़ी मात्रा में नकली भारतीय नोट बरामद किए गए थे।
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जांच में खुलासा हुआ कि इस रैकेट का संबंध पाकिस्तान स्थित गिरोह से है।
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आरोप है कि पाकिस्तान से हवालगी चैनलों और राजनयिक संपर्कों के जरिए नकली नोट भारत लाए जा रहे थे।
🔹 NIA की जांच
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NIA ने सबूत जुटाने के बाद कोर्ट से समन जारी करने की सिफारिश की थी।
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एजेंसी का कहना है कि पाकिस्तान के एक राजनयिक की इस मामले में संलिप्तता के पुख्ता संकेत मिले हैं।
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यह पहला मौका है जब इस केस में सीधे पाकिस्तानी दूतावास से जुड़े अधिकारी का नाम सामने आया है।
🔹 राजनयिक संबंधों पर असर
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इस मामले से भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में और तनाव आने की संभावना है।
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भारत पहले भी पाकिस्तान पर नकली नोटों के जरिए अर्थव्यवस्था को कमजोर करने का आरोप लगाता रहा है।
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अब राजनयिक स्तर पर यह समन बड़ा विवाद खड़ा कर सकता है।
🔹 आगे की कानूनी प्रक्रिया
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NIA कोर्ट ने संबंधित पाकिस्तानी राजनयिक को अगली सुनवाई में पेश होने का निर्देश दिया है।
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यदि वह उपस्थित नहीं होते तो अदालत आगे की कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
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विदेश मंत्रालय भी इस मामले पर नज़र बनाए हुए है।
चेन्नई नकली करेंसी मामले में पाकिस्तानी राजनयिक को समन जारी होने से यह साफ हो गया है कि भारत अब राजनयिक स्तर पर भी जिम्मेदारी तय करने के लिए तैयार है। आने वाले दिनों में यह केस भारत-पाक संबंधों में और बड़ी हलचल पैदा कर सकता है।