




भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर 2025 की दूसरी छमाही को लेकर आशावादी नजर आ रहा है। इंडस्ट्री विशेषज्ञों और कंपनियों का मानना है कि बेहतर आर्थिक माहौल, त्योहारी सीजन की डिमांड और नई लॉन्चिंग्स के चलते बाजार में तेज़ी देखने को मिल सकती है।
🔹 पहली छमाही का प्रदर्शन
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2025 की पहली छमाही में ऑटो सेक्टर को चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
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महंगाई, ब्याज दरों और उत्पादन लागत में बढ़ोतरी से वाहन बिक्री प्रभावित हुई।
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ग्रामीण बाजार में भी कमजोर मांग देखी गई।
🔹 दूसरी छमाही में उम्मीदें
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फेस्टिव सीजन (दशहरा और दिवाली) में पैसेंजर कारों और टू-व्हीलर्स की डिमांड बढ़ने की संभावना है।
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इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के प्रति रुचि और सरकारी प्रोत्साहन भी सेक्टर को मजबूती देंगे।
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ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी मॉनसून की उम्मीद से ट्रैक्टर और टू-व्हीलर की बिक्री बढ़ सकती है।
🔹 EV और नई लॉन्चिंग्स
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2025 की दूसरी छमाही में कई कंपनियां नई EVs और हाइब्रिड मॉडल लॉन्च करने जा रही हैं।
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टाटा, महिंद्रा, हुंडई और मारुति जैसी बड़ी कंपनियां अपनी रणनीति EV सेगमेंट पर फोकस कर रही हैं।
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EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और सरकारी सब्सिडी से ग्राहकों का विश्वास भी बढ़ेगा।
🔹 एक्सपोर्ट और निवेश
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भारतीय ऑटो सेक्टर के लिए निर्यात (Export) भी अहम भूमिका निभा सकता है।
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कंपनियां अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण एशिया जैसे बाजारों में अपने वाहनों की पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं।
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नए निवेश और प्रोडक्शन क्षमता विस्तार से भी सेक्टर में तेजी आएगी।
🔹 विशेषज्ञों की राय
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सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) का अनुमान है कि 2025 की दूसरी छमाही में बिक्री में 8–10% की वृद्धि हो सकती है।
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EV सेगमेंट में डबल-डिजिट ग्रोथ की संभावना जताई जा रही है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ब्याज दरों और महंगाई पर नियंत्रण रहा तो सेक्टर में लंबी अवधि तक स्थिर वृद्धि देखने को मिलेगी।
2025 की दूसरी छमाही भारतीय ऑटो सेक्टर के लिए बेहद अहम साबित हो सकती है। त्योहारी सीजन, EV बूम और ग्रामीण डिमांड के चलते उद्योग को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। कंपनियां और निवेशक दोनों ही इस सेक्टर को लेकर उत्साहित हैं।